राजा कुमार साह की रिपोर्ट
नेपाल में हो रही भारी बारिश की वजह से अगले 12 घंटे में गंडक और बागमती नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि होने की आशंका है। इस वजह से बिहार के सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और वैशाली में बाढ़ की स्थिति और भी खराब हो सकती है।
जल संसाधन विभाग ने गंडक नदी के निचले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने को कहा है। सीतामढ़ी में भी बागमती नदी का जलस्तर खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक इन नदियों के नेपाल स्थित कैटमेंट एरिया में अनुमान से भी ज्यादा बारिश हुई है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण गोपालगंज वैशाली के साथ-साथ सीतामढ़ी, दरभंगा समेत सभी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य के नए क्षेत्रों में घुसा बाढ़ का पानी
बता दें कि बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद राज्य की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। राज्य के कई नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिस वजह से आठ जिलों की करीब तीन लाख की आबादी प्रभावित हुई है।
खतरे के निशान से ऊपर बागमती नदी
बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार, सोमवार को बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, डूबाधार तथा कटौंझा और मुजफ्फरपुर के बेनीबाद और दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक समस्तीपुर के रोसरा रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
कोसी का जलस्तर स्थिर
इधर, कमला बलान झंझारपुर में और महानंदा पूर्णिया के ढेंगराघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। राहत की बात यह है कि बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है लेकिन गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 72 घंटे में राज्य की लगभग सभी प्रमुख नदियां ‘राइजिंग ट्रेंड’ में रहेंगी, नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में बिहार और नेपाल साइड में बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से अभी बिहार के 8 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फपुर, गोपालगंज एवं पूर्वी चम्पारण के कुल 31 प्रखंडों की 153 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।