उज्जैन. आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) के अनुसार, प्रत्येक मनुष्य को अपने मन में दूसरों के प्रति परोपकार की भावना रखनी चाहिए और अपने जीवन में नेक और अच्छे कार्य करने चाहिए।अच्छे और समाज हित के कार्य
आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवित रहते ही व्यक्ति को लोक कल्याण के कार्य करते रहना चाहिए। मौका मिलने पर सदैव पुण्य कार्य करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। जब तक आपके शरीर में रोग नहीं हैं तब तक जितना हो सके अच्छे और जनकल्याण के कार्य करने चाहिए। क्योंकि शरीर में रोग लगने की स्थिति और मृत्यु के बाद किसी को पुण्य कार्य करने का मौका नहीं मिलता है। अच्छे कार्य करने वाले व्यक्ति अपने जीवन में तो सम्मान पाते ही हैं ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद भी सम्मान के साथ याद किया जाता है।
कल पर न टालें कोई काम
चाणक्य के अनुसार कहते हैं कि समय रहते हर कार्य को पूर्ण कर लेना ही उचित होता है। आज के कार्य पर कभी कल पर नहीं टालना चाहिए। व्यक्ति का शरीर जब तक चुस्त-दुरूस्त रहे तब तक जितना हो सके अपने कार्यों को पूर्ण कर लेना चाहिए। तभी आपको जीवन में सफलता प्राप्त होती है। जब व्यक्ति के शरीर को रोग लग जाते हैं, तब उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है और वह किसी कार्य को करने की स्थिति में नहीं रहता है।
करें दान पुण्य का काम
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपने जीवन में बुरे कार्यों और लोभ की भावना से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए। अपने जीवन में जब तक आपका शरीर निरोगी है तब तक दान पुण्य करते रहना चाहिए। अपने जीवन में कभी भी व्यक्ति को दूसरे के लिए बुरे विचार नहीं लाने चाहिए। अपने मन में सकारात्मक विचार रखने चाहिए। इससे आपकी आत्मा शुद्ध होती है।