पालतू तथा अन्य जानवर भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं,हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि उनसे लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बेहद कम है।यह है कोविड-19 महामारी को फैलाने वाले एसआरएस-सीओवी-2 की असली तस्वीर. इसके हर कण का व्यास करीब 80 नैनोमीटर होता है. हर कण में वायरस के जेनेटिक कोड यानी आरएनए की एक गेंद होती है. उसकी रक्षा करता है एक स्पाइक प्रोटीन यानी यानी बाहर की तरफ निकले हुए मुकुट जैसे उभार जिनकी वजह से वायरस को यह नाम मिला. यह वायरस कोरोनावायरस परिवार का एक हिस्सा है, जिसके और भी सदस्य हैं.
कुत्ते, बिल्ली, फेरेट्स, खरगोश, ऊदबिलाव, लकड़बग्घा और सफेद पूंछ वाले हिरण उन जानवरों में शामिल हैं, जो आमतौर पर संक्रमितों के सम्पर्क में आने के बाद संक्रमित पाए गए।अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) ने कहा है कि आपको पालतू जानवरों से संक्रमित होने का डर नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें आपसे संक्रमित होने का डर है। संक्रमित लोगों या जिन्हें संक्रमित होने का संदेह भी हो, उन्हें अपने पालतू जानवरों, खेती से जुड़े जानवरों तथा वन्यजीवों से दूर रहना चाहिए।
ओंटारियो पशु चिकित्सा कॉलेज के डॉ. स्कॉट वीज ने कहा, ‘‘ यदि आप किसी अन्य व्यक्ति के पास नहीं जाते क्योंकि आप बीमार हैं या आप संक्रमित हो सकते हैं, तो किसी जानवर के पास भी न जाएं।सीडीसी के अनुसार, सभी जानवरों में संक्रमित होने और गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं है, दुर्लभ ही ऐसा होता है। जानवरों में लक्षण भी मामूली ही दिखते हैं। अमेरिका में और अन्य जगहों के कुछ चिड़ियाघरों ने शेरों और अन्य जानवरों का टीकाकरण किया है, जिनके बारे में माना जाता है कि उनके संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आने से वायरस की चपेट में आने का खतरा है।