पाकिस्तान: सऊदी अरब अकसर पाकिस्तान की मदद करता रहा है, लेकिन जब कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने सऊदी की आलोचना की थी, तो सऊदी ने पाकिस्तान से समय से पहले ही एक अरब डॉलर मांग लिया था।
रियाद, अक्टूबर 27: गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को जब चीन ने आर्थिक मदद देने से इनकार कर दिया तो पाकिस्तानी नेताओं की सांसे फूलने लगीं कि आखिर अब क्या होगा? लेकिन, फिर देश को नकदी संकट से उबारने की जिम्मेदारी खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने उठाई और कटोरा लेकर सऊदी अरब पहुंच गये और सऊदी अरब शाही परिवार ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बिल्कुल निराश नहीं किया।
सऊदी अरब ने कहा है कि वह पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में 3 बिलियन अमरीकी डालर जमा कर रहा है ताकि विदेशी भंडार के साथ नकदी की कमी से जूझते पाकिस्तान की मदद की जा सके। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट ने यह घोषणा की है। सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट ने कहा कि, वह स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) में 3 अरब डॉलर जमा कर रहा है। इसमें कहा गया है कि, सऊदी अरब सरकार की तरह से 1.2 अरब डॉलर पाकिस्तान को तेल और तेल उत्पादों को खरीदने के लिए दिया जा रहा है। गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह बहुत बड़ी राहत की बात है। पाकिस्तान से ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर ने इस खबर की पुष्टि की है
पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री अजहर ने सऊदी अरब से मदद मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि, “इस मदद से पाकिस्तान के ट्रेड पर वैश्विक वस्तुओं को खरीदते वक्त जो विदेश मुद्रा भंडार पर प्रेशर पड़ता है, उस दबाव को कम करने में मदद करेगा”। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद से मुलाकात की थी, जिसमें उन्हें क्राउन प्रिंस ने आमंत्रित किया गया था।
इसी साल मई में पाकिस्तान के केन्द्रीय सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि, सऊदी अरब सरकार पाकिस्तान को तेल आपूर्ति को लेकर डेफर्ड पेमेंड के लिए सैद्धांतिक तौर पर तैयार हो गया है। वहीं, पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन ने इस महीने की शुरुआत में दोहराया था कि, सऊदी अरब पाकिस्तान को डेफर्ड पेमेंड पर तेल उपलब्ध कराने पर सहमत हो गया है। इससे पहले, सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 6 अरब अमेरीकी डॉलर की मदद दी थी, जिसमें स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में 3 अरब डॉलर जमा सऊदी की तरफ से करवाया गया था और बाकी 3 अरब डॉलर वार्षिक आधार पर तेल खरीदने के लिए पाकिस्तान को दिया गया था।
हालांकि, पिछले साल सऊदी अरब ने पाकिस्तान को उस वक्त कड़ी चेतावनी दी थी, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सऊदी अरब पर भारत के खिलाफ कश्मीर मुद्दे पर नहीं बोलने के लिए आलोचना की थी। जिससे गुस्साए सऊदी अरब ने पाकिस्तान से फौरन एक अरब डॉलर मांग लिए थे, जिसे पाकिस्तान ने चीन से लेकर चुकाया था। वहीं, पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था, जब सऊदी अरब को मनाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बार बार फोन किया था, तब उस वक्त सऊदी अरब से कहा गया था कि, उसके भारत के साथ अलग तरह के संबंध हैं और पाकिस्तान को भारत-सऊदी संबंध के बीच नहीं आना चाहिए। इसके साथ ही सऊदी अरब ने पाकिस्तान को ये भी सलाह दी थी, कि पाकिस्तान को भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में पहल करनी चाहिए।
दरअसल, कश्मीर से भारत सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने की पहली वर्षगांठ पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तान के एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक कश्मीर मुद्दे पर आयोजित नहीं कराने के लिए सऊदी अरब को आड़े हाथ लिया था। पाकिस्तानी विदेश मंत्री की टिप्पणी के बाद सऊदी अरब काफी भड़क गया था और वक्त से पहले ही पाकिस्तान को एक अरब अमरीकी डालर का भुगतान करने के लिए मजबूर कर दिया था। आपको बता दें कि, सऊदी अरब ने कई बार इस्लामाबाद की मदद की है, जिसमें 1980 के दशक में पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों के पहले बैच के भुगतान में मदद करना और 6 बिलियन अमरीकी डालर का ऋण प्रदान करना शामिल है, जिससे पाकिस्तान को दो साल पहले नकदी संकट से जूझते वक्त काफी मदद मिली थी।