तालिबान ने जब से अफगानिस्तान पर कब्जा किया है तब से वो दुनियाभर से कहता फिर रहा है कि वो उसका समर्थन करें इसके साथ ही उसका खास दोस्त पाकिस्तान भी विश्व मंच पर जमकर तालिबान सरकार को समर्थन करने का आलाप राग रहा है।
लेकिन दुनिया के बड़े देशों ने वेट एंड वॉच की नीति अपनाई हुई है। इसलिए अफगानिस्तान में तालिबान की स्थिति बेहद ही बदतर हो गई है, लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। अमेरिका से आस लगाए बैठे तालिबान को सुपर पॉवर ने करारा झटका दिया है।
दरअसल, तालिबान पर अब भी अमेरिका को भरोसा नहीं है और तालिबान के जरिए किसी भी कीमत पर US अफगानिस्तान को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के पक्ष में नहीं है। अमेरिका का कहना है कि, वह इस वक्त जो अफानिस्तान में सत्ता में काबिज लोग हैं उनके जरिए उसे (अफगानिस्तान) को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए तैयार नहीं है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने आगे कहा, ‘हम अभी तक अफगानस्तिान में वहां वर्तमान नेतृत्व के माध्यम से सीधे धन उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं हैं। तालिबान उस स्थिति में नहीं है जो हम चाहते हैं। जब तक हम वास्तव में सरकार से लेकर हर चीज के लिए पर्याप्त रूप से बेहतर दृष्टिकोण नहीं देखते हैं, जिसके लिए हम उनके साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। हमारा ध्यान अंतरराष्ट्रीय संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से राशि मुहैया कराने पर है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, अमेरिका वास्तव में अफगानिस्तान के लोगों की ऐसी परिस्थिति पैदा किए बिना मदद करने का सबसे अच्छा तरीका मानता है।