देहरादून
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में हालात इससे जुदा नहीं हैं। यहां 18 से लेकर 39 वर्ष आयु वर्ग के 39.17 लाख मतदाता हैं। यह संख्या कुल मतदाताओं का 48 प्रतिशत से अधिक है। जाहिर है कि चुनाव में इनकी महती भूमिका को देखते हुए कोई भी दल इन्हें नजरंदाज करने की स्थिति में नहीं है।
उत्तराखंड पूरे देश में एजुकेशन हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। यहां इस समय विभिन्न पाठ्यक्रमों, जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, टेक्निकल एजुकेशन, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, कंप्यूटर साइंस, एजुकेशन व ला कालेज बड़ी संख्या में हैं। इनमें देश विदेश के छात्र पढ़ने आते हैं। कहा जा सकता है कि यहां के युवाओं में बौद्धिक क्षमता अधिक है। यही कारण है कि यहां के युवाओं की राजनीतिक समझ कहीं बेहतर मानी जाती है। युवा ही वह वर्ग भी है जो चुनावों में सबसे अधिक बढ़-चढ़ कर भागीदारी करता है। इस वर्ग पर राजनीतिक दलों की नजरें भी हैं। यही कारण है कि इसी वर्ग को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपने छात्र संगठन बनाए हुए हैं। युवाओं को साधने के लिए चुनावों के दौरान रोजगार व स्वरोजगार के साथ ही बेरोजगारी दूर करने के मुद्दे राजनीतिक दलों की प्राथमिकता में शामिल रहे हैं।
युवा के हाथ में है जीत की कुंजी प्रदेश में इस बार मतदाता सूची पर नजर डालें तो युवा वर्ग अपने हाथों में जीत की कुंजी लेकर घूम रहा है। प्रदेश में इस बार 8237913 मतदाता चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इन मतदाताओं में यदि 18 से 29 वर्ष आयुवर्ग पर नजर डालें तो इनकी संख्या 18.97 लाख है, जो कुल मतदाताओं का 23 प्रतिशत हैं। यह वह आयुवर्ग है जो कालेज जाता है और रोजगार तलाश रहा है। वहीं इसमें 30 से 39 आयुवर्ग के मतदाताओं को भी जोड़ दें तो यह संख्या कुल मतदाताओं की तकरीबन 26 फीसद है। ये वर्ग नौकरी अथवा स्वरोजगार के शुरुआती दौर में है। इनमें बेरोजगार भी शामिल हैं। कहा जा सकता है कि 18 से 39 वर्ष आयुवर्ग का मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहता है। कारण यह कि राजनीतिक दलों में भागदौड़ करने के साथ ही चुनाव प्रबंधन, सभाओं का आयोजन, रैली, घर-घर संपर्क अभियान और आज के दौर में तकनीक का पूरा उपयोग इसी आयुवर्ग का युवा कर रहा है। यही आयुवर्ग सबसे अधिक मतदान केंद्र तक भी पहुंचता है।
युवाओं पर सभी दलों का फोकस सभी प्रमुख दल इस समय युवाओं को केंद्र में रखे हुए हैं। इन दलों की युवा इकाइयां नए मतदाता व युवाओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रही हैं। चुनाव के लिए बनाई जा रही समितियों में भी युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहां तक कि चुनाव वितरण में भी युवाओं को तरजीह दी जा रही है।
युवाओं की प्रमुख समस्याएं -रोजगार व इसकी तलाश में पलायन
-स्वरोजगार परक योजनाओं में सख्त मानकों का अड़ंगा
-प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों में 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार न मिलना
उत्तराखंड में युवा वोटरों की संख्या 18 से 19 वर्ष- 15808
20 से 29 वर्ष-1739279
30-39 वर्ष- 2223070
कुल -3978157
उत्तराखंड के कालेजों में छात्र संख्या
119 अशासकीय कालेज- 65000
14 अशासकीय कालेज- 6300
236 निजी कालेज- 1,10, 000
31 विश्वविद्यालय- 1,13, 000
एक केंद्रीय विश्वविद्यालय- 9000
कुल छात्र – 3,03, 000