मृत्यु एक अटल सत्य है और इसे ना कोई बदल सकता है और ना ही कोई इसको टाल सकता है। जिस प्राणी का पृथ्वीलोक पर जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है। मृत्यु के बाद व्यक्ति की जीवात्मा का क्या होगा यह उसके कर्मों पर पूर्णता निर्भर करती है। साथ ही इसके बावजूद भी जीवित रहते हुए लोग इन बातों को नहीं समझते और बुरे कर्म भी करते रहते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति जीवन में अच्छे कर्म करता है उसका जीवन सुखमय बीतता है और मृत्यु के बाद उसे स्वर्ग की प्राप्ति भी होती है। तो वहीं बुरे कर्म करने वालों को मरने के बाद यमराज के यमदूत सताते हैं और ऐसी आत्मा को नरक का कष्ट भी भोगना पड़ जाता है। गरुण पुराण जोकि हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में एक है और इसमें विशेषकर जन्म, मृत्यु, स्वर्ग, नरक और यमलोक आदि के बारे में विस्तारपूर्वक लिखा गया है। गरुड़ पुराण ग्रंथ में भगवान विष्णु अपने प्रिय वाहन पक्षीराज गरुड़ से मृत्यु और मृत्यु के बाद की घटनाओं को लेकर बात कर रहे हैं। इसी का वर्णन गरुड़ पुराण में किया गया है और वैसे तो गुरुड़ पुराण में कुल 14 लाख नरक के बारे में बताया गया है पर इसमें 16 ऐसे घोर नरक बताए गए हैं जिसे जानकर किसी भी व्यक्ति की रूह कांप जाएगी इन नरक में ऐसे लोगों की आत्मा जाती है, जिसमें जीवन में बहुत बुरे कर्म किए होंते हैं तो जानते हैं इन 16 नरक को इसमें मिलने वाले दंड के बारे में।
गरुड़ पुराण के अनुसार होते हैं 16 घोर नरक
तमिश्रम नरक: एसे लोग जो दूसरे की संपत्ति हड़पते हैं। उनकी आत्मा को बंदी बनाकर तमिश्रम नरक में तब तक पीटा जाता है, जबतक वह बेहोश न हो जाए।अंधतामिस्त्र नरक: ऐसे पुरुष या स्त्री जो एक दूसरे को केवल उपयोग और भोग की वस्तु ही समझते है और स्वार्थ की दृस्टि से रहते है। तो ऐसे लोगों को यह नकर दिया जाता है।
वैतरणी नरक: गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा को गंतव्य तक पहुंचने के लिए इसी नदी को पार करना पड़ता है पर यह सामान्य नदी नहीं होती, बल्कि इसे गंगा नदी का रौद्र रूप माना जाता है और इसमें मलमूत्र ,मरे हुए कीड़े,सांप, मांस और आग की लपटे होती है वही इस नदी का रंग लाल होता है।ऐसे लोग जिन्होंने अपने जीवन में खूब पाप किए हो उनकी आत्मा को इस नदी से गुजरना ही पड़ता है।
तप्तमूर्ति नरक: रत्नों और धातुओं की चोरी करने वालों को तप्तमूर्ति नरक की आग में रखा जाता है और तड़पाया जाता है।
पुयोड़कम नरक: शास्त्रों के वर्णन के अनुसार, यह नरक कुंआ के समान होता है और इसमें रक्त, मानव मल-मूत्र और कई धृणित वस्तुएं मौजूद होती हैं। जो भी लोग बिना विवाह किए शारीरिक संबंध बनाते हैं और विश्वासघात करते हैं उनको ये मिलता है।
कुंभीपाकम नरक: ऐसो लोग जो अपने स्वार्थ के लिए जानवरों की हत्या करते हैं तो उनकी आत्मा मरने के बाद इसी नरक में आती है वहां आत्मा को खौलते गर्म तेल में डालकर कई यातनाएं दी जाती है।
विलपक नरक: जो ब्राह्मण मदिरा पान करते हैं उन्हें इस नरक की आग में प्रताड़ित किया जाता है।
अविसि नरक: झूठ बोलने वाले लोगों को इस नरक में भेजा जाता है और इसमें जीवात्मा को बहुत ऊंचाई से नीचे फेंका जाता है।
ललाभक्षम नरक: जो लोग दूसरों के साथ जबरजस्ती शारीरिक संबंध बनाते या बलात्कार करते हैं उन्हें इस नरक में भेजा जाता है और कई यातनाएं दी जाती हैं।
असितापत्रम नरक: गैरजिम्मेदार और अपने कर्तव्य से पीछा छुड़ाने वाले लोगों को इस नरक में भेजा जाता है। यहां जीवात्मा को चाकू मार-मारकर छलनी किया जाता है और कई यातना भी दी जाती है।
कलसूत्रम नरक: जो लोग बड़ों का आदर-सम्मान नहीं करते उन्हें इस नरक में गर्म जगह पर तब तक रखा जाता है, जबतक समय समाप्त नहीं हो जाता।
सुकरमुखम नरक: इस नरक में मरने के बाद उन लोगों की आत्मा को भेजा जाता है जो दूसरो को अपने इशारे पर नचाते हैं और बुरा बर्ताव भी करते है।
महावीचि नरक: यह नरक खून और नकीले कांटों से भरा हुआ होता है। गायों की हत्या करने वालों को इस नकर में कष्ट भोगना पड़ता है।
शाल्मलि नरक: ऐसी स्त्री जो पराए पुरुष के साथ अनैतिक संबंध बनाती है इसको इस नरक में जलते हुए कांटों को आलिंगन करना पड़ जाता है।
वज्रा कुठार नरक: पेड़ काटने वाले लोगों को मरने के बाद इस नरक में वज्रो से बहुत पीटा जाता है।
दुर्धर नरक: यह नरक बिच्छूओं से भरा हुआ होता है जो लोग ब्याज आदि का धंधा करते हैं और असहायों से सूद वसूलते हैं उन्हें इस नरक में लेकर आया जाता है।