सुनीता देवी की रिपोर्ट
नयी दिल्ली। क्या आपने काले गेहूं के बारे में सुना है? नहीं तो आज जान लीजिए। ये गेहूं की एक खास किस्म होती है, जिसकी खेती खास तरीके से की जाती है। बताया जाता है कि काले गेहूं में सामान्य गेहूं की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक आयरन एकाग्रता होता है। हालांकि प्रोटीन, पोषक तत्व और स्टार्च की मात्रा समान रहती है। भारत में आम तौर पर काले गेहूं की खेती नहीं होती, मगर मध्य प्रदेश में धार जिले के एक किसान ने काले गेहूं की फसल उगाई है। आइए विस्तार से जानते हैं इस किसान की काले गेहूं की फसल के बारे में।
गेहूं साबित हो रहा सोना
मध्य प्रदेश में धार जिले के विनोद चौहान नामक किसान ने रबी सीजन में काले गेहूं की फसल की।
खास बात ये है कि उनके इस विशेष गेहूं की मांग 12 राज्य कर रहे हैं, जिससे ये गेहूं उनके लिए सोना साबित हो रहा है। विनोद ने परंपरागत खेती के बजाय नए तरीके से खेती करके स्पेशल फसल तैयार की है। काला गेहूं एक दुर्लभ फसल है। मगर विनोद ने इस फसल की खेती पूरे 20 बीघा जमीन पर की है। दुर्लभ फसल और 12 राज्यों से मांग आना उनके लिए किस्मत चमकने जैसा है।
कितना मिलेगा दाम
विनोद के मुताबिक उन्होंने 500 किलो काले गेहूं की बुवाई की थी, जिससे 200 क्विंटल (1 क्विंटल = 100 किलो) फसल की पैदावार हुई है। यानी उनके पास 200 क्विंटल दुर्लभ काला गेहूं है। जहां तक कीमत का सवाल है तो विनोद को इसकी सामान्य गेहूं के मुकाबले दोगुनी कीमत मिलेगी। जैसा कि बताया गया कि स्वास्थ्य के लिए अधिक बेहतर है इसी कारण इसके लिए दाम भी अधिक मिलेगा।
कैसे सीखी काले गेहूं की खेती
हैरानी की बात ये है कि विनोद काले गेहूं की खेती यूट्यूब से सीखी। दरअसल वे अलग तरह से कुछ नया करना चाहते थे और यूट्यूब पर उन्हें काले गेहूं की खेती की जानकारी मिली। हालांकि उन्होंने खेती से पहले कृषि विशेषज्ञों से जानकारी हासिल की। इसके बाद इस दुर्लभ खाद्य उत्पाद की खेती की शुरुआत की। दूसरे आश्चर्य की बात ये है कि अभी तक कृषि विभाग ने भी काले गेहूं की खेती नहीं की है। विनोद अब कृषि विभाग को इस खात फसल की जानकारी देंगे।