भारत-चीन सीमा (India-China Border) के अंतिम छोर पर स्थित ओल्ड लिपुलेख से अब आदि कैलाश (Adi Kailash) के दर्शन कर सकेंगे। अभी तक यात्रियों को आदि कैलाश यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय से वीजा बनाकर नेपाल (Nepal) के रास्ते चीन पहुंचकर यात्रा भी करनी पड़ती थी। वहीं अब पुरानी लिपुलेख दर्रे से ही आदि कैलाश के दर्शन कर पाएंगे, धारचूला (Dharchula) से पर्यटन विभाग की टीम लिपुलेख की चोटी पर पहुंची तो अधिकारियों को आदि कैलाश पर्वत के मनमोहक दर्शन हुए है। जिला पर्यटन विभाग की टीम नाभीढांग से नौ किमी की वाहन से यात्रा करने के बाद 1.8 किमी की कठिन खड़ी चढ़ाई पार कर पुरानी लिपुलेख की चोटी (18 हजार फीट) पर भी पहुंची हैं। चोटी पर पहुंचने के बाद कैलाश पर्वत के मनमोहक दर्शन हुए और उन्होंने चोटी पर बहुत तेज हवाएं चलने की बात भी बोली। उन्होंने ये भी बताया कि पैदल मार्ग ठीक करने के बाद यात्रियों को यात्रा करने में कोई परेशानी भी नहीं होगी।
‘स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार’
धारचूला एसडीएम दिवेश शाशनी ने जानकारी दी है कि सचिव पर्यटन के निर्देश पर संयुक्त टीम ने लिपुलेख, ओम पर्वत और आदि कैलाश तक का निरीक्षण किया है। शीघ्र ही संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर पर्यटन विभाग को भेजी जाएगी, जिससे धारचूला के पुरानी लिपुलेख की चोटी से ही आदि कैलाश पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे और इससे धारचूला में पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।