उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण भक्तों को वृंदावन में अन्नपूर्णा भवन की सौगात दी है. इस भवन में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किफायती दर पर भोजन मिलेगा. वहीं ये भवन पूरी तरह से वातानुकूलित होगा. सूबे के प्रमुख योगी आदित्यनाथ जन्माष्टमी मनाने मथुरा और वृंदावन पहुंचे थे. यहां उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
अन्नपूर्णा भवन की स्थापना के लिए योगी आदित्यनाथ ने बृज तीर्थ विकास परिषद का आभार व्यक्त किया. इस भोजनालय को 5 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. यहां एक बार में करीब 600 श्रद्धालु भोजन कर सकेंगे.
हमारी विरासत 5000 साल पुरानी
इस मौके पर एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा- दुनिया की सभ्यताओं की बात करें, तो किसी का 1400 वर्ष का, तो किसी का 1800 वर्ष का इतिहास है. वे उसी पर ही गर्व करते हैं, जबकि हमारी सभ्यता तो पौराणिक और सनातन है. आज भगवान श्रीकृष्ण का पावन जन्मोत्सव है. भगवान श्रीकृष्ण का आगमन इसी धरा पर आज से करीब 5,000 वर्ष पहले हुआ था. यह ब्रज क्षेत्र की धरती है. यह वृंदावन है जहां लीलाएं घटित हुई थीं. अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर से लेकर गुजरात व महाराष्ट्र तक भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं किसी न किसी स्वरूप में बसी हुई हैं।
आज भगवान श्रीकृष्ण के ही ‘त्वदीयं वस्तु गोविंदम, तुभ्यमेव समर्पये’ के मूलमंत्र को सार्थक करने के लिए अन्नपूर्णा भोजनालय की शुरुआत हो रही है.
श्रीकृष्ण से प्रभावित थे बलिया के क्रांतिकारी
शुक्रवार सुबह बलिया में आयोजित बलिदान दिवस समारोह में शामिल होने के लिए गोरखनाथ मंदिर से रवाना होने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोशाला में गोसेवा की. सीएम योगी आदित्यनाथ जब गोशाला पहुंचे उन्हें देख और उनकी आवाज सुन बछड़े, नंदी और गाएं दौड़ती हुई उनके नजदीक चली आईं बलिया में आजादी के अमृत महोत्सव को याद करते हुए योगी ने कहा- आज बलिया बलिदान दिवस है,आज के ही दिन बलिया जेल के फाटक को तोड़कर क्रांतिकारी विभूतियों ने खुद को 1942 में ही स्वतंत्र घोषित कर दिया था. आजादी के क्रांतिकारी श्रीकृष्ण से ही प्रभावित थे.
‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्…’
उसके पीछे भगवान की ही वाणी है, भगवान का ही मंत्र है, उन्हीं का संदेश है, उन्हीं का उपदेश भी है।
योगी ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत को आज पूरी दुनिया देख रही है. योग दिवस, कुंभ की छटा विश्वपटल पर पहुंच गई है. कोरोना महामारी के बीच में ही हमने पिछली बार वैष्णव कुंभ का आयोजन किया. उत्तर प्रदेश नई दिशा की ओर बढ़ रहा है, अभी सावन के महीने में ही काशी में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ के दर्शन किए. अयोध्या, वृंदावन, बृज क्षेत्र जितने भी आध्यात्मिक सांस्कृतिक केंद्र हैं, उनका विकास करने के लिए सरकार पूरी तन्मयता से जुटी हुई है।