अनुराग पाठक की रिपोर्ट
हरदोई –जिला अधिकारी कार्यालय में तैनात महिला लिपिक ने गुरुवार कोअपने आवास पर फांसी लगाकर की आत्महत्या लिपिक मधु शुक्ला की मौत के बाद चर्चाओं का दौर चल रहा है कलेक्ट्रेट के तमाम घोटालों में मधु शुक्ला के साथ लिप्त अनेक लिपिकों के माथे पर इस घटना के बाद चिंता की लकीरें खींच रही है गौरतलब हो कि मधु शुक्ला एलबीसी के पद पर तैनात थी।
वहीं मृतका के पति ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने जेल भेजनें की चेतावनी दी थी। कलेक्ट्रेट में शस्त्र अनुभाग घोटाले में लिपिक मधु शुक्ला पर जांच चल रही थी तत्कालीन जिला अधिकारी पुलकित खरे ने शस्त्र घोटाला में जांच के आदेश दिए थे जिला अधिकारी अविनाश कुमार व अपर जिला अधिकारी वंदना त्रिवेदी पर जेल भेजनें की धमकी का आरोप परिजनों ने लगाया है। परिजनों के अनुसार जेल भेजे जानें की धमकी से आहत मधु शुक्ला ने फांसी लगाकर की आत्महत्या की है पति उमेश शुक्ला व परिजनों का रो -रोकर बुरा हाल है।
फांसी लगाने की सूचना से कलेक्ट्रेट में गहमा गहमी का माहौल है नगर मजिस्ट्रेट सदानंद गुप्ता ने कहा कि घटना बहुत दुःखद है, हम सबकी पूरी संवेदना है और परिवार की तरह खड़े है उन्होंने कहा कि पुलिस जाँच के बाद ही घटना का कारण स्पष्ट हो सकेगा, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है और जाँच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
परिजनों ने कहा कि राज्यसभा सांसद अशोक वाजपेयी की सिफारिश के वाबजूद अधिकारियों ने एक न सुनी, पति उमेश शुक्ला ने कहा कि डीएम अविनाश कुमार ने कहा कि टर्मिनेट कर देंगे परिजनों ने कहा कि कहा कि डीएम,एडीएम और प्रशासन ने मिलकर मधु को मार दिया है, परिजनों ने डीएम पर एफआईआर और जेल भेजनें की मांग की है। बताते चलें मधु शुक्ला का कार्यकाल सदैव विवादित रहा है और तत्कालीन जिलाधिकारी सत्यजीत ठाकुर के कार्यकाल में कलेक्ट्रेट में हुई भर्तियों में उन पर अपने रिश्तेदारों की भर्तियां कराने का आरोप लगाया गया था। वहीं शस्त्र अनुभाग में रहते हुए तमाम शस्त्र लाइसेंस की प्रकृति नियमों के विपरीत बदल देने का भी उन पर आरोप लगा था इसी के चलते तत्कालीन जिलाधिकारी पुलकित खरे ने उन को निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ जांच भी चल रही थी चर्चा है कि इस जांच में काफी उनके खिलाफ सबूत अधिकारियों के पास थे। वही जांच व अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते मधु शुक्ला इन दिनों काफी मानसिक रूप से परेशान भी चल रही थी कलेक्ट्रेट में श्रीमती शुक्ला की मृत्यु के बाद काफी गमगीन माहौल है तो वही तमाम अधिकारी व कर्मचारी इस घटना के बाद शक की नजरों से देखे जाने लगे हैं। मधु शुक्ला की मृत्यु के बाद तमाम वह लोग भी डरे हुए हैं जो कलेक्ट्रेट में हुए कई घोटालों में मधु शुक्ला का सहयोग करते थे।