मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
अगर हम सिर्फ हरदोई की बात करे तो पता नही कितनी बेशकीमती जमीन रसूखदार लोगो ने कब्जा कर डाली है और जनता शिकायत ही करती रहती है
आज का जो प्रकरण है वह बेहद ही शर्मनाक है और उस सत्ताधीश पर एक सवालिया निशान है जो वर्षो से हरदोई की गद्दी पर विराजमान है।
हरदोई में अब मंदिरों की भी जमीन सुरक्षित नही रह गई है।यह वह हरदोई है जहां दिनदहाड़े मंदिर की जमीन कब्जा कर ली जाती है और जिम्मेदार खामोश रहते है इस खामोशी का एक ही कारण हो सकता है कि जो नगर पालिका परिषद हरदोई को चला रहा है शायद उन्ही के इशारे पर जमीन कब्जा की गई है अगर ऐसा नही है तो अभी तक अवैध कब्जा पूर्व की भांति हटवाया क्यो नही गया है।
जब दिनांक 13/07/2020 को मंदिर की निकट जिंदपीर चौराहा स्टेट बैंक के पीछे जमीन कब्जा करने का प्रयास किया गया था तो शिकायत पर तुरन्त कार्यवाही अमल में लाई गई। आखिर इस एक वर्ष में ऐसा क्या हो गया जो नगर पालिका परिषद हरदोई को लिखित शिकायत भी की जा चुकी है उसके बाबजूद भी अभी तक अतिक्रमण नही हटवाया गया है।जब कि अभी भी नगर पालिका हरदोई में उक्त भूखण्ड नजूल में दर्ज है और जो शिकायत की गई थी उस पर लगाई गई जांच आख्या में भी उक्त जमीन को नजूल की जमीन बताया गया है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जमीन को कब्जा कराने में नगर पालिका परिषद हरदोई की मिलीभगत है क्योंकि जब दिनांक 17/08/2021 जमीन कब्जा की जा रही थी उसकी सूचना व लिखित शिकायत दिनांक 18/08/2021 को की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नही की गई जब समाधान दिवस में शिकायती पत्र दिया गया तब सिटी मजिस्ट्रेट के आदेस पर दिनांक 15/09/2021 को चारदीवारी के अंदर नींव भरने का काम रुकवाया गया।नगर पालिका को लिखित शिकायत तक की जा चुकी थी उसके बाबजूद नगर पालिका ने कोई कार्यवाही नही की व दीवार का निर्माण को हो जाने दिया।
अब देखना यह होगा कि आखिर मंदिर की जमीन को कब अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा