राघव पटेल की रिपोर्ट
वाराणसी। हमें नींद की दवा खिलाकर सुला देना, फिर गला दबा देना…पापा’ यह चंद शब्द बताते हैं कि आत्महत्या … जिंदगी का अंत नहीं बल्कि उन तमाम खुशियों को रौंदता एक भयावह कदम होता है। जिस सफर को कोई जारी नहीं रखना चाहता।ऐसे में दो बच्चों का पापा को लिखा खत आपकी आत्मा को रूला कर रख देगा। 18 वर्ष का बेटा और 16 वर्ष की बेटी गुनगुन ने यह मार्मिक खत मृत्यु से कुछ समय पहले अपने पापा को लिखा। पिता चेतन ने भी बच्चों के आखिरी मांग को पूरा किया। जिसमें कड़वा सच यह है कि वह हमारे बीच अब नहीं हैं।
बच्चों के लिए दिमाग में यही शब्द गुंजता है… जिंदगी क्या है ये उनसे पूछो, जो खुद के पापा से भी आखिरी दफा जिंदगी के नब्ज को दबाने की बात करते हैं। बता दें कि शुक्रवार को बनारस के मुकीमगंज क्षेत्र में चेतन तुलस्यान (45) ने अपनी पत्नी ऋतु (41) और बेटा-बेटी हर्ष,गुनगुन की गला दबाकर हत्या कर, स्वयं फांसी लगाकर जान दे दी थी। आत्महत्या के लिए पूरा परिवार एक माह से तैयारी कर रहा था। मौके से एक 12 पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। पुलिस मौके पर पहुंची तो एक कमरे में बेड पर हर्ष और गुनगुन के शव मिले। दूसरे कमरे में पत्नी ऋतु का शव था और चेतन पंखे के सहारे फंदे से लटके हुए थे।
आत्महत्याकी वजह पारिवारिक कलह या आर्थिकतंगी है। जांच जारी है। दंपती और दो बच्चों की मौत की सूचना मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। थोड़ी ही देर में आईजी रेंज विजय सिंह मीणा, एसएसपी प्रभाकर चौधरी और एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक विभाग की टीम भी पहुंची। कमरे से पुलिस को 12 पेज का सूइसाइड नोट मिला है।
प्रदर्शितचित्र प्रतीकात्मक है