वाराणसी। जिले मेंं नमामि गंगे योजना के तहत किसानों की भूमि पर एग्रीकल्चर लैंडस्केप के अंतरगत ग्रामीण क्षेत्रों में निजी कृषि भूमि पर किसानों के खेतों और मेड़ पर 38.50 हेक्टेयर वृक्षारोपण किया जाना है। जिसमें एक हेक्टेयर में 150 पौध रोपित किए जाएंगे। इसमें शीशम, नीम, खैर, बबूल, अरु, मलबरी, सहजन, कदंब, सागौन, गम्हार, पॉपलर एवं फलदार में देशी आम, कटहल, अमरूद, आंवला, बेल, जामुन एवं नींबू आदि के प्रजाति रोपित किए जाएंगे। किसानों की इच्छा के अनुरूप उच्च गुणवत्ता के क्लोनल और ग्राफ्टेड पौध की आपूर्ति वन विभाग द्वारा की जाएगी। किसानों द्वारा अग्रिम मृदा कार्य, वृक्षारोपण और अनुरक्षण कार्य किया जाएगा। इसके लिए किसानों को अनुदान के रूप में सीधे पीएफएमएस के जरिए धनराशि दी जाएगी।
किसानों को मिलेगा अनुदान
गड्ढा खुदान और वृक्षारोपण कार्य के तहत स्थापना वर्ष में वृक्षारोपण किए जाने के उपरांत जियो टैगिंग और गणना के आधार पर 35 रुपये प्रति पौध के अनुसार फरवरी और मार्च माह में भुगतान किया जाएगा। चार चरणों में अनुरक्षण कार्य के तहत सितंबर या अक्टूबर में धनराशि का भुगतान किया जाएगा। जिसमें चार चरणों के अनुरक्षण में क्रमश: 30, 25, 25 और बीस रुपये के साथ प्रति हेक्टेयर 4500, 3750, 3750, 3000 रुपये अनुदान के तौर पर मिलेंगे। इस प्रकार 25500 रुपये प्रति हेक्टेयर तक अनुदान मिल सकेगा।
एग्रो फॉरेस्ट्री में मिलेगा लाभ
सब मिशन ऑन एग्रो फारेस्ट्री योजना में खेतों के मेड पर फसल के साथ रोपे जाने के लिए 5100 पौधों का लक्ष्य है। इसमें शीशम, नीम, खैर, बबूल, अरु, मलबरी, सहजन, कदंब, सागौन, पॉपलर के साथ फलदार पौधों में देशी आम, कटहल, आंवला, बेल, जामुन एवं नीबू आदि के पौधे शामिल किए गए हैं। इसमें प्रति पौधे अनुदान की राशि 14 रुपये और अनुदान प्रति हेक्टेयर 2400 रुपये तक होगी।
नेशनल बंबू मिशन योजना
नेशनल बंबू मिशन में बांस के पौधों को 15 हेक्टेयर में रोपे जाने का लक्ष्य है। प्रति हेक्टेयर 450 पौधे लगाए जाने हैं जिनमें प्रति पौधे 60 रुपये के हिसाब से प्रति हेक्टेयर 27000 रुपये अनुदान में मिलेंगे।
इस तरह प्राप्त करें लाभ
इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को अपना इच्छा पत्र, खतौनी, आधार या निर्वाचन कार्ड, की प्रति लेकर क्षेत्रीय वन अधिकारी के फोन 9936710825, 8299599855 अथवा कार्यालय अशोक विहार कालोनी फेज एक पहडिया वाराणसी कार्यालय में जानकारी ली जा सकती है। इस बाबत प्रभागीय वन अधिकारी ने सूचना गुरुवार की सुबह जारी की है।