सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
उन्नाव: कोरोना वायरस के साथ-साथ अचानक से बदले मौसम के मिजाज ने धरती के भगवान या यूं कहिए कि हम सबके अन्नदाता को ही संकट में डाल दिया है। अचानक चली तेज हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की कमर ही टूट गई। किसानों की मदद के लिए प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह पीड़ित किसानों से मिलकर उनके नुकसान के बारे में आंकलन कर उन्हें राहत पहुंचाएं। जिसके लिए टीम गठित कर सर्वे शुरू हो चुका है।
जानकारी मुताबिक उन्नाव में देर रात को वो तबाही का मंजर देखने को मिला जिसने हर किसान को बेचैन कर दिया। आफत बनकर आसमान से हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की लहलहाती फसलों को बर्बाद कर दिया। मौसम के पहले खुश किसानों को अंदाजा तक नही था, लेकिन कुदरती मार के आगे किसी की एक ना चली।
इस मामले में कुलदीप मिश्रा (जिला कृषि अधिकारी) का कहना है कि बारिश ओलावृष्टि का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। जो किसान फसल बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकृत है, ऐसे करीब 400 किसानों ने अभी तक ऑनलाइन और ऑफलाइन फोन के जरिए शिकायतें की है। इनको जनपद के फसल नामी कंपनी इफ्को टोक्यो को और कृषि विभाग को सर्वेक्षण निर्देशित कर दिया है। जिसमें 200 लोगों का सर्वेक्षण कर भी दिया गया है। उनकी जो भी क्षति होगी उनका डाटा फाइनल होने के बाद में उनके खाते में खरीद के जैसे नुक्सान हुआ था वैसे ही उनके खाते में निर्धारित धनराशि या जो भी आएगा क्षति पूर्ति के लिए उनके खाते में जमा करा दिया जाएगा।