प्रधान संपादक की रिपोर्ट
लखनऊ-उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाला है। ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के खिलाफ यूपी सरकार गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका यानी स्पेशल लीव पिटीशन दायर करेगी. इस याचिका मेंव सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय से जुड़ी पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह किया जाएगा. दरअसल, हाईकोर्ट ने सरकार को ओबीसी आरक्षण की सीटों को सामान्य घोषित करते हुए चुनाव कराने का आदेश दिया है. ऐसे में अगर राज्य निर्वाचन आयोग कहीं चुनाव की अधिसूचना जारी कर देता है तो सरकार के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा. ऐसे में रैपिड टेस्ट मामले में हुई गलती से सबक लेते हुए सरकार एसएलपी दायर करेगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को कहा कि नगर निकाय चुनाव को लेकर यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में आज ही एसएलपी दायर करेगी. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि OBC वर्ग को आरक्षण दिलाने के लिए हमें जो भी करना होगा, हम करेंगे. उसके बिना राज्य में नगर निकाय चुनाव संभव नहीं हैं. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर पाठक ने कहा कि सपा एक राजनीतिक पार्टी है. उनका अपना एजेंडा रहता है, उनके बारे में हम क्या टिप्पणी करें। उधर, अखिलेश यादव ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर इस मुद्दे को लेकर सरकार पर बोला हमला बोला. अखिलेश ने भाजपा हटाओ आरक्षण बचाओ का अभियान चलाने की बात कही. उत्तर प्रदेश में अभी पिछड़ा वर्ग के 150 विधायक हैं. इसमें 90 भाजपा औऱ 60 समाजवादी पार्टी से हैं. भाजपा ने 2014 के बाद से समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वोटबैंक में बड़ी सेंध लगाई है. उसने यादव, कुर्मी, शाक्य औऱ अन्य वर्गों के ओबीसी नेताओं को अपने पाले में कर लिया है, डिप्टी सीएम पाठक ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार पूरी तरीके से तैयार है. बढ़ते मामलों पर सरकार की नजर है. मरीजों के इलाज में कोई भी अव्यवस्था होने नहीं दी जाएगी. 24 ज़िलों के अधिकारियों पर कार्यवाही पर कहा कि IGRS व्यवस्था जनता की सुविधा के लिए बनाई गई है. इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है. अगर उसमें कोई ढिलाई बरतेगा तो संबंधित अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जाएगी।