गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद एक कहावत है खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचै। अब जिनके भवन अतिक्रमण की जद में आ रहे हैं और समय देने के बाद भी जो नहीं तोड़ रहे हैं, उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट के शीघ्र तबादले की अफवाह उड़ाना शुरू कर दिया है। यह अफवाह खासकर महादेवी वर्मा मार्ग (रेलवे रोड) से ज्यादा उड़ रही है।
सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेताओं की आँख में सिटी मजिस्ट्रेट खटक रही हैं। यह बात भी सत्य है उनके तबादले के लिए जोड़-तोड़ भी की गयी। अभी प्रभारी मंत्री के आने पर भी कुछ नेताओं ने नगर मजिस्ट्रेट की कार्यप्रणाली की शिकायतें करते हुए उनके तबादले की मांग की थी। अब देखने वाली बात है बाबा का बुलडोजर तो पूरे सूबे में चल रहा है और नगर मजिस्ट्रेट जो भी कर रही हैं, वह शासन की मंशा के अनुरूप ही कर रही हैं, तो फिर इसमें सिटी मजिस्ट्रेट का क्या दोष। शासन आज अगर अतिक्रमण निरोधी अभियान पर रोक लगा दे, तो आज सिटी मजिस्ट्रेट भी अपने कार्यालय में बैठकर एसी की हवा खाएं, क्या जरूरत है धूप में तपने की और व्यापारियों से उलझने की। जिन लोगों को अपना अतिक्रमण स्वयं हटाने लेने का समय दिया गया है, उनमें कुछ लोग दिखावा मात्र कर रहे हैं, ऐसे ही लोग नगर मजिस्ट्रेट के स्थानान्तरण की अफवाह भी उड़ा रहे हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार तबादले की खबर असत्य है। प्रशासनिक अमला अतिक्रमण को हटाने पर पूरा फोकस दे रहा है। अगर अफवाह में दम होगा भी, तो एक-दो दिन में सामने आ जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो अब टाइम सेंटर की उम्र दो दिन रह गयी है।
अपर जिलाधिकारी सुभाष प्रजापति ने बताया कि अभी तक इस संदर्भ में कोई भी आदेश नहीं आया है। जब इस संदर्भ में जिला अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर जानकारी दी गई तो पता चला यह है अफवाहें हैं।
आपको यह भी बता दें बीते दिन रेलवे रोड पर एक होटल मालिक को नगर मजिस्ट्रेट ने जमकर हडक़ाया था। लोगों का कहना है कि ऐसे कई लोग हैं जो भ्रम फैलाने के लिए ऐसा प्रचार कर रहे हैं।