सतीश कुमार दुबे की रिपोर्ट
प्रतापगढ़-श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाने के लिए शहरी व ग्रामीण अंचलों में तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। मंदिरों के साथ घर-घर भगवान श्रीकृष्ण की झांकियां सजाई जा रही है।पूरे दिन बाजार में गहमागहमी रही। सोमवार को मंदिर परिसरों और घरों में लोग भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की आकर्षक झांकियां सजाने में व्यस्त दिखे।भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को धूम-धाम के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है।जन्माष्टमी का पर्व पूरे जिले में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। घर-घर में भगवान श्रीकृष्ण की झांकी सजाई जाती है रात को 12:00 बजे प्रभु के जन्म के बाद उत्सव मनाया जाता है। कई जगहों पर महिलाएं सोहर गाती है तथा बाद में भगवान का विशेष पूजा अर्चन किया जाता है।कई जगहों पर रात्रि जागरण का आयोजन किया गया है।हिंदू धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास रखकर घर-परिवार की सुख समृद्धि और शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं।श्रद्धालुओं ने बताया कि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।संतान प्राप्ति,आयु और समृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि के समय कारागार में हुआ था।