लखनऊ. उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में लोगों की जान और माल लूटते हुए दिन रात चल रहे अवैध निजी अस्पताल पर सरकार का शिकंजा कसना शुरू हो गया है ये ले लूटखोरी की दुकाने अब बंद होंगी ।. इसके लिए डीएम ने निर्देश जारी किए हैं. राजधानी में चल रहे 19 निजी अस्पतालों के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग विधिक कार्रवाई करेगा.जिला प्रशासन के निर्देशन में कुछ माह पहले राजधानी में निजी अस्पतालों (private hospital) के खिलाफ अभियान चलाया गया था. जिसमें इन अस्पतालों में बड़ी खामियां मिली थीं. अस्पतालों के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी तक नहीं है. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन इन अस्पतालों का संचालन करवाकर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है. निजी अस्पताल (private hospital) फायर के उपकरण टांग शपथ पत्र देकर खुद ही अस्पताल चला रहे हैं.
सीएमओ ने इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को संस्तुति भेजी थी. इन निजी अस्पतालों में मानक पूरे थे. एमबीबीएस डॉक्टर व जरूरी संसाधन नही थे. जिस पर डीएम ने इनके खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी दे दी है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल बताते हैं कि यह निजी अस्पताल बन्द रहेंगे और इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.
इन अस्पतालों पर लगेगा ताला
सम्राट हॉस्पिटल, बेस्ट केयर, वेलकेम, गैलैक्सी, शालिनी, प्रभाकर, उजाला, सिमना, इकाना, मेडिविन, सनफोर्ड, साधना, उन्नति उजाला, कॉकोरी हॉस्पिटल समेत 19 अस्पताल बंद किए जाने की तैयारी है.
इनकी होगी जांच
शेफालिया, चंद्रा हॉस्पिटल, हिमसिटी, हर्बल हॉस्पिटल, न्यू तुलसी, न्यू एशिया, दीपक लाइफ सांइसेंस, एसएन हॉस्पिटल, लखनऊ हॉस्पिटल, जैना हॉस्पिटल, लक्ष्य कैंसर हॉस्पिटल.