प्रयागराज
सिविल लाइंस में धोबीघाट चौराहे के पास अमन अस्पताल है. उसके संचालक एमआइ खान हैं. बताया जाता है कि सोमवार दोपहर करीब दो बजे एक ठेले पर 35 वर्षीय मरीज को लेकर कुछ युवक अस्पताल पहुंचे. उन्होंने वहां भर्ती करने की बात कही, लेकिन अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने मरीज की पल्स जांच करने के बाद दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कहा. वाहन न होने पर अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गाड़ी से मरीज को पहले सिविल लाइंस और फिर जार्जटाउन स्थित अस्पताल पहुंचाया. वहां वाहन चालक को युवकों ने धन्यवाद भी दिया. मगर शाम करीब साढ़े छह बजे करीब 30 से 35 युवक अचानक अमन अस्पताल पहुंच गए.
पुलिस ने खंगाला सीसीटीवी फुटेज
आरोप है कि युवक फायङ्क्षरग करते हुए अस्पताल में दाखिल हुए और तोडफ़ोड़ शुरू कर दी. विरोध करने पर कर्मचारी नागेंद्र यादव की पिटाई करते हुए बाहर निकल गए. फिर गोली चलाते हुए भाग गए. सरेशाम घटना से आसपास मौजूद लोगों व मोहल्ले में सनसनी फैल गई. कुछ ही देर में सिविल लाइंस सीओ, इंस्पेक्टर और क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची. कर्मचारियों से पूछताछ करते हुए सीसीटीवी फुटेज को खंगाला, जिससे पता चला कि अस्पताल के भीतर करीब 15 युवक थे. एक-दो को छोड़कर सभी के चेहरे ढंके थे.
आग लगाने का किया प्रयास
एक कर्मचारी ने पुलिस को बताया कि नर्सिंग स्टेशन रूम में तोडफ़ोड़ करने के बाद एक युवक बगल वाले कमरे में आग लगाने का प्रयास किया. हालांकि उसके पास माचिस या लाइटर नहीं था, जिस कारण आग नहीं लगा सके. फुटेज से पता चला है कि हमलावर ने महज दो मिनट के भीतर हजारों का नुकसान किया.
किसी को पकड़ नहीं पाए गार्ड
अस्पताल के बाहर सिक्योरिटी गार्ड आरबी यादव और भीतर अरङ्क्षवद की ड्यूटी थी. तोडफ़ोड़ और फायङ्क्षरग होते ही दोनों अस्पताल के भीतर कहीं दुबक गए और किसी को पकड़ नहीं पाए. जबकि घटना से अस्पताल में मौजूद महिला स्टाफ, मरीज और तीमारदार सहम उठे. गार्डों ने पुलिस को बताया कि वह डर गए थे.
मुस्लिम हास्टल के कुछ छात्रों पर आरोप
अस्पताल संचालक के भाई ने इलाहाबाद विश्विविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग हाउस हास्टल के कुछ छात्रों पर घटना में शामिल होने का आरोप लगाया है. हालांकि पुलिस का कहना है कि फुटेज के आधार पर उनकी पहचान करके गिरफ्तारी की जाएगी. मौके से कारतूस के खोखे नहीं मिले हैं.
एक मरीज को भर्ती न करने पर घटना हुई है. फुटेज के जरिए आरोपितों की पहचान की जा रही है. तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जिस मरीज को यहां लाया गया था, उसकी मौत तो नहीं. इस बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.