सर्दी के सितम से हर कोई परेशान है। लोग अपने बिस्तर से नहीं निकलना चाहते हैं। लेकिन देश मे कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास बिस्तर ही नहीं है। उनकी लाचारी तो देखो कि उन्हें सर्दी के सितम सबसे अधिक डर लगता है लेकिन वह अपने लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं। घनघोर कोहरा और बर्फीली हवाओं के बीच जब उन्हें रात सड़को पर गुजारनी पड़ती है तो उन्हें देखकर रूह कांप उठती है। वहीं आज जब सड़को से निकले तो सड़क किनारे बच्चो के साथ कम कपड़ों में कांपती मां दिखी। उनके पास सर्दी से बचने के लिए कपड़े नहीं है और न आग का सहारा। वह रात खुले आसमान के नीचे गुजारते हैं और सर्दी में पूरी रात बिना सोए गुजारते हैं।जहां सम्मान लोग सर्दी के सितम से बचने के लिए आग, ब्लोवर का सहारा लेते हैं। अपने घरों से बाहर नहीं निकलते। वहीं इन लाचार लोगों की लाचारी किसी को नहीं दिखाई देती। कोई नहीं आता इनकीं मदद के लिये आगे। इनकी स्थिति देखकर यह तो समझ आता है कि कोई भी दुख या दर्द इतना बड़ा नहीं हो सकता जिसे सहन न किया जा सके। सर्दी के सितम से हम कंपकताते हैं और कोई इस सर्दी के सितम में बिना कपड़ों के मुस्कुराता है।