मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई झांसी अंदर सैयर गेट व्यापार मंडल एवं कर्मयोगी संस्था के अध्यक्ष पंडित संतोष कुमार गौड़ और उनके सहयोगी साथियों के द्वारा गत वर्षों से निरंतर 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अग्रिम भूमिका निभाकर अपने प्राणों की आहुति देने वाली भारत की महान वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर शासन प्रशासन के समक्ष 6 सूत्री मांगे की जा रही थी जिसमें प्रथम सूत्रीय मांग नई दिल्ली गणतंत्र दिवस पर राजपथ से निकलने वाली झांकियों में रानी झांसी की झांकी को भी किया जावे समायोजित। द्वितीय सूत्रीय मांग भारत के करोड़ों महिला वीरांगनाओं के सम्मान हेतु नई दिल्ली पार्लियामेंट परिसर में स्थापित हो रानी झांसी की प्रतिमा। तृतीय सूत्रीय मांग ग्वालियर संग्रहालय में रखी रानी झांसी की प्रतिमा को लाकर झांसी संग्रहालय में सैलानियों के लिए स्थापित किया जावे। चतुर्थ सूत्रीय मांग वीर महिलाओं के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय कार्य के लिए महारानी लक्ष्मीबाई पदक सम्मान की हो घोषणा। पंचम सूत्रीय मांग महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, वीरांगना के नाम से होने पर भी वीरांगना की प्रतिमा स्थापित नहीं। छठी आखरी सूत्री मांग काशी से ग्वालियर तक चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन का नाम वीरांगना एक्सप्रेस किया जावे क्योंकि यह ट्रेन वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली से उनकी बलिदान स्थली तक जाती है। सहारा इंडिया के कार्यकर्ताओं का हो भुगतान।आदि मांगों को निरंतर विगत समय से प्रशासन के समक्ष पत्राचार के द्वारा रखे जाने पर और प्रशासन के द्वारा उस पर कोई भी प्रतिक्रिया ना प्राप्त होने पर कर्म योगी संस्था के अनेकों पदाधिकारी एवं सदस्य गणों ने माननीय प्रधानमंत्री माननीय रक्षा मंत्री माननीय मुख्यमंत्री आदि के आगमन पर अपनी बात रखने का निर्णय लिया। जिस शहर कोतवाली एवं सिपरी बाजार थाने कि पुलिस प्रशासन के द्वारा द्वारा पंडित संतोष कुमार गौड़ एवं उनके साथियों को हिरासत में ले लिया। जिसको उन्होंने स्वीकार भी कर लिया। जिसके पश्चात वीरांगना के सम्मान में अनेकों सदस्यों ने मिनर्वा स्थित किला परिसर के समीप प्रधानमंत्री के झांसी आगमन पर रात्रि तिरंगा यात्रा एवं दीपांजलि का आयोजन किया। जिसमें व्यापारी समाजसेवी आदि सभी उपस्थित रहे कार्यक्रम के अंत में महामंत्री कयूम खान ने आभार व्यक्त किया