मौसम की आखिरी बरसात ने वो तांडव किया कि पनाह, बारिश के बाद जब रामनगर बैराज का पानी छोड़ा गया, तो उस पानी ने और मुसीबत पैदा कर दी है। बैराज के पानी से रामपुर में कोसी, पीलाखार, धौरी और भाखड़ा नदियां उफान पर हैं। सर्वाधिक कहर कोसी बरपा रही है। तेज बहाव के कारण रामपुर के तीन युवक कोसी में बह गए।दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर कोसी की बाढ़ का सर्वाधिक असर मूंढापांडे क्षेत्र में गनेशघाट के आसपास रहा। रात दो बजे के बाद से इस हिस्से में कोसी का पानी बढ़ना शुरू हुआ। देखते-देखते हाईवे तीन से चार फीट पानी में घिर गया। पानी का बहाव भी काफी तेज था। इस बीच हाईवे पार करते समय बहराइच डिपो की यात्रियों से भरी एक बस तेज बहाव की चपेट में आ गई। बस बहने लगी। बमुश्किल किसी तरह चालक ने खाई से पहले बस पर काबू पाया और बैक करके बस को सुरक्षित स्थान पर लाया। इस बीच सवारियों के बीच चीख-पुकार मची रही।
दो को बमुश्किल बचा लिया गया, जबकि संजय (18) की डूबकर मौत हो गई।
दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर कोसी का पानी आ जाने के कारण रामपुर-मुरादाबाद के बीच बुधवार दिन में पांच घंटे वाहनों की आवाजाही बंद रही। यही नहीं रामपुर-मुरादाबाद के रेलवे ट्रैक को खतरे में देख सुबह 11 बजे से शाम साढ़े छह बजे तक (साढ़े सात घंटे) ट्रेनों की आवाजाही भी बंद रखी गई। हाईवे के ट्रैफिक और ट्रेनों को बदले मार्गों से चलाया गया
हालात देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार रात दो बजे से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी। पानी कुछ घटा तो बुधवार सुबह सात बजे से भारी वाहनों का संचालन शुरू कराया। हल्के वाहन दोपहर दो बजे के बाद चलना शुरू हुए।
दूसरी ओर रामपुर-नैनीताल हाईवे भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। इसके चलते रामपुर का नैनीताल से सीधा संपर्क कट गया है। बाढ़ के पानी को रास्ता देने के लिए नैनीताल हाईवे पर बने डिवाइडर को प्रशासन ने तुड़वा दिया।
रामपुर जिला प्रशासन ने बताया कि जनपद के 150 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें से कई गांव का जिला मुख्यालय से भी संपर्क कट गया है। एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं। लोगों को भोजन के साथ पशु चारे की व्यवस्था भी की जा रही है।
मुरादाबाद के डीएम के मुताबिक जिले के 11 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें से पांच पूरी तरह आबाद हैं, जबकि शेष में खेती का रकबा ज्यादा है। उन्होंने जलस्तर घटने से कल बृहस्पतिवार तक हालात सुधरने की उम्मीद भी जताई है।
उफनाई कोसी नदी का पानी बुधवार को शहर में गांधी समाधि तक पहुंच गया। ऐसा पहली बार हुआ है। सबसे भीषण बाढ़ वर्ष 2010 में आई थी। तब मुरादाबाद-रामपुर के बीच पानी आने से दिल्ली-लखनऊ हाईवे करीब आठ दिन बंद रहा था। तब भी शहर में गांधी समाधि तक पानी नहीं पहुंचा था।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं राज्यसभा में उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी को जब रामपुर में बाढ़ की सूचना मिली तो वह दिल्ली से रामपुर पहुंच गए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच कर लोगों को हिम्मत बंधाई। राहत सामग्री भी वितरित की।
राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने बाढ़ प्रभावित मनौना गांव का निरीक्षण किया। इस दौरान ग्रामीणों को राहत सामग्री और बचाव को लेकर अफसरों से बात की।