अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट
शमशाबाद अंधविश्वास के चलते बकरे की बलि चढ़ाने वाले अधेड़ की हालत बिगडऩे पर परिजन उपचार के लिए चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया।
आधुनिक दौर में हमारे वैज्ञानिक इन बातों पर विश्वास नहीं करते है। फिर भी तमाम लोग अंधविश्वासों के साए में पूर्वजों को खुश करने के लिए जानवरों की बलि चढ़ाते चले आ रहे हैं, जबकि बेजुबान पशुओं की हत्या पशु कू्ररता अधिनियम के अंतर्गत एक अपराध है। फिर भी लोग अंधविश्वासो के साये में डूबे आज भी बेजुबान पशुओं की बलि चढ़ाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम सिकंदरपुर महमूद में बेजुबान बकरे की बलि चढ़ाये जाने के दौरान मामला उल्टा हो गया। यहां बलि चढ़ा जाने के बाद जब बकरे का गोश्त सामाजिक स्तर पर प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा था, उसी दौरान तंत्र-मंत्र के साए में डूबे अधेड़ की हालत बिगड़ गई। परिजन उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के मोहल्ला सिकंदरपुर महमूद निवासी 50 वर्षीय लाला राम पुत्र बुद्धालाल द्वारा पूर्वजों को खुश करने के लिए बकरे की बलि की रस्म निभायी जा रही थी। शुक्रवार को रस्म अदायी के बाद अचानक अधेड़ की हालत बिगड़ गई। हालत बिगड़ती देख परिजनों ने आनन-फानन में उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक के 5 बच्चे है। जिसमें दो पुत्र, तीन पुत्रियां है। सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने पहुंचकर जांच पड़ताल की।