गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद तीन दिन तक आराम फरमाने के बाद बुलडोजर बाबा सोमवार को फिर से लोगों की नींद हराम करने में जुट गये। इस बार उनका एरिया था रखा तिराहे से लेकर काश्तकार कोल्डस्टोरेज तक। इस बीच जितनी भी सरकारी जमीन पर दुकानें और भवन आए, उनको जमींदोज करने में बुलडोजर बाबा ने समय नहीं लगाया। जिसने सिटी मजिस्ट्रेट से मोहलत मांगी और कहा वह स्वयं अवैध निर्माण हटा लेगा, नगर मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव ने उन्हें समय देकर तय समय में अतिक्रमण स्वयं ध्वस्त करने के लिए कहा
प्रात: सात बजे जैसे ही लोगों ने दो जेसीबी मशीनें देखीं, जिनके निर्माण सरकारी जमीन पर थे, उनके हाथ-पाँव फूल गये। नगर पालिका कर्मचारी चार दिन पूर्व ही चूना डालकर चिह्नांकन कर गये थे। कुछ लोगों ने अपने हाथों से अपनी बनाए प्रतिष्ठानों पर घन बरसाये भी थे, लेकिन जिसे बनाने में खुद का पैसा और पसीना लगा हो, उसे तोडऩे में कितना कष्ट होता है, यह तो भुक्तभोगी ही जानता है। जेसीबी अपने काम पर जुटी रही और अतिक्रमण की जद में आईं दुकानों और भवनों पर कहर बनकर बरसती रही
इस दरम्यान काश्तकार कोल्ड स्टोरेज की बाउण्डीवाल भी जेसीबी की उद्दण्ड सूँड़ ने उखाड़ फेंकी। पूरे समय तमाशबीनों का जमावड़ा लगा रहा। लोगों की आँखों में आँसू थे, पीड़ा थी और कुछ चीख भी रहे थे, लेकिन मशीनों के दिल कहाँ होते हैं साहब। बहुत से लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है। जिला जेल से पुलिस लाइन गेट तक का नजारा ऐसा है जैसे कोई भूकम्प आया हो और सब कुछ तबाह कर गया हो। एक तरफ सिवा सब्जी कोई दूसरी दुकान ही नहीं रह गयी। डॉक्टर, बारबर, अंग्रेजी मदिरा का दुकान, मिठाई की दुकानें, परचून की दुकानें सब नेस्तनाबूद हो गयीं। जिस जगह पोस्टऑफिस चल रहा था, वह भी अब उजड़ा पड़ा है। फिलहाल पोस्टऑफिस कहाँ है, किसी को नहीं पता। लोग अपनी-अपनी ईंटें समेटने में लगे हुए हैं।