मुजफ्फरनगर
वर्ष 2025 तक टीबी को देश खत्म करने के उद्देश्य से सोमवार को भोपा रोड स्थित एसडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें टीबी फ्री सब नेशनल सर्टिफिकेशन 2021 पर चर्चा की गई। इस दौरान सब नेशनल सर्टिफिकेशन में सर्वे के लिए स्वयंसेवकों (वालिंटियर्स) को प्रशिक्षण दिया गया।जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ लोकेश चंद गुप्ता ने बताया -प्रधानमंत्री के आह्वान पर वर्ष 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से जनपद में मंगलवार से सब नेशनल सर्टिफिकेशन के तहत सर्वे शुरू किया जाएगा। इसके लिए सोमवार को स्वयंसेवकों (वालिंटियर्स) को ट्रेनिंग दी गई। उन्हें बताया गया कि किस तरह से घर-घर सर्वे करना है और मरीजों के साथ साथ संभावित मरीजों के भी सैंपल लेने हैं। डा. गुप्ता ने बताया- सर्वे में 15 टीमें और 30 वॉलेंटियर लगाई गई हैं, सभी टीम जनपद के सभी ब्लॉक मीरापुर, मोरना, जानसठ, पुरकाजी, बघरा, बुढ़ाना, चरथावल, खतौली और सदर में जाकर घर-घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान करेंगी और संभावित मरीजों के सैंपल लेकर विभाग को सौंपेंगे। विभाग द्वारा सभी सैंपल की रिपोर्ट 24 घंटे में दे दी जाएगी।
टीबी की पहचान यदि समय पर की जाए तो टीबी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रादेशिक कंसल्टेंट डॉ रेनू ने सभी स्वयंस्वकों को टीबी के लक्षण के बारे में बताया। उन्होंने बताया दो हफ्ते या उससे अधिक खांसी होना, दो हफ्ते या उससे अधिक बुखार होना, पिछले एक माह से सीने में दर्द रहना, तेजी से वजन और भूख कम होना, पिछले एक माह में कभी भी बलगम में खून का आना टीबी के मुख्य लक्षण हैं। उन्होंने कहा यदि समय पर इन लक्षणों की पहचान न हो तो यह लक्षण खतरनाक रूप ले सकते हैं। इसलिए समय पर इलाज और पहचान जरूरी है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया वर्तमान में जनपद में टीबी के 3867 मरीज हैं, जिनका उपचार चल रहा है।