गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान जेसीबी के सामने लेटने को लेकर सुर्खियों में आए सुल्तानपुर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) मनोज शुक्ला पर निलम्बन की गाज गिरी है। उच्च न्यायालय को एडीजे के आचरण पर आपत्ति थी।
आपको बता दें एडीजे मनोज शुक्ला मूल रूप से बस्ती जिले के छपिया शुक्ला गांव के रहने वाले हैं। गत माह बस्ती जिले में एडीजे की पैतृक जमीन है। आरोप था कि जमीन राज्य सरकार की है। जेसीबी इस जमीन पर अतिक्रमण हटा रही थी। अपनी पैतृक भूमि बचाने के प्रयास में एक जेसीबी के सामने लेट गए थे। जिस समय एडीजे ने ऐसा किया उस समय वह कोट, पैंट और टाई पहने हुए थे। घटना वीडियो में कैद हुई और सोशल मीडिया पर सुखियाँ बन गयी। इस घटना को लेकर बस्ती के डीएम ने शासन को रिपोर्ट भेज दी। रिपोर्ट प्राप्त कर सरकार ने हाईकोर्ट को भेज दिया था। हाईकोर्ट ने उच्च न्यायिक अधिकारी द्वारा इस तरह के कृत्य को गम्भीरता से लिया और उनके आचरण पर आपत्ति जताई। हाईकोर्ट प्रशासनिक समिति द्वारा एडीजे को निलम्बित करने का निर्णय लिया। अपर जिला जज मनोज शुक्ला वर्तमान में सोनभद्र जिले में संबद्ध किए गए हैं। उन्होंने कहा था कि मैं एक न्यायिक अधिकारी हूं, यह मेरी पुश्तैनी जमीन है जिस पर दूसरों का कब्जा है और यह गलत है। साल 2013 में जमीन का अधिग्रहण नियमों के खिलाफ था। उन्होंने कहा था कि डीएम द्वारा दिया गया आदेश भ्रष्ट है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट किया था।