ललितपुर: राजकीय अशासकीय सहायता प्राप्त और माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों को कोचिंग सेंटरों में पढ़ाने अथवा अलग से स्कूल चलाने की शिकायतें मिलने पर डीआईओएस रामशंकर ने ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने प्रधानाचार्यों से कहा कि विद्यालय में कार्यरत प्रवक्ता/सहायक अध्यापकों से शपथपत्र लें जिसमें अध्यापकों को लिखकर देना होगा कि वे न तो कोई कोचिंग पढ़ाते हैं और ना ही किसी कोचिंग संस्थान में पढ़ाने के लिए जाते हैं। अध्यापकों/कर्मचारियों से प्राप्त शपथपत्र तीन दिवसों में अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दें।
डीआईओएस ने बताया कि जिले में 65 पंजीकृत कोचिंग सेंटर हैं। वहीं, जिसको कोचिंग का संचालन करना है वह पंजीकरण करा सकता है। बिना पंजीकरण के कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ 50 हजार से एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा।
कोचिंग सेंटर पर यह भी जरूरी
कोचिंग सेंटर पर कोचिंग केंद्र व संचालक का नाम, दूरभाष नंबर, कोचिंग केंद्र के संचालन के लिए जारी प्रमाण पत्र में उल्लिखित रजिस्ट्रीकरण संख्या, दिनांक व वैधता, कोेचिंग के लिए जारी प्रमाण पत्र में प्रस्तावित छात्र संख्या, कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षक का नाम व योग्यता, अग्रिम सात दिवसों में अंकित करना सुनिश्चित करें अन्यथा की स्थिति में कोचिंग को अमान्य समझकर कर अग्रिम कार्रवाई प्रस्तावित कर दी जाएगी, जिसका उत्तरदायित्व स्वयं कोचिंग संचालक का होगा।
कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करें
पंजीकृत निजी कोचिंग संचालक सेंटर पर कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करें। निरीक्षण के समय उक्त कार्य में शिथिलता मिलती है तो संचालक के खिलाफ कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने का दोषी मानते हुए विधिक कार्रवाई की जाएगी। जिसके लिए वह स्वयं उत्तरदायी होंगे। कोचिंग संचालकों को व्हाट्सएप नंबर, ईमेल आईडी डीआईओएस कार्यालय में उपलब्ध कराना