संवाददाता
बिसवां, सीतापुर । पत्रकारों को चौथा स्तंभ कहा जाने वालों पर नित्य रोज जानलेवा हमले, हत्याएं व उत्पीड़न आम बात सी बात साबित हो रही है । प्रदेश में आए दिन पत्रकारों की हत्याएं होना प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान उठने लगा है । प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ सिंह ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को सख्त आदेश दिए हैं कि पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा परंतु प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था के कारण पत्रकार अपने आप को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं जिसकी वजह से प्रतिदिन पत्रकारों के साथ कोई ना कोई अप्रिय घटनाएं घटित हो रही हैं ऐसा ही एक मामला बिसवां तहसील क्षेत्र के विकास खंड बिसवां की ग्राम पंचायत काजी सरांय के पुश्तैनी निवासी पत्रकार मतीन अहमद के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत ग्राम पंचायत काजी सराय के विकास योजनाओं से संबंधित जानकारी मांगी थी । दिनांक 7 सितंबर 2020 को विकास खंड कार्यालय बिसवां पर सेक्रेटरी आशीष रावत द्वारा अपने कार्यालय पर सूचना देने हेतु बुलाया था जिस पर पत्रकार मतीन अहमद अकेले ब्लॉक कार्यालय गए थे । सेक्रेटरी आशीष रावत के कार्यालय पर पहले से मौजूद ग्राम पंचायत काजी सराय के प्रधान रमेश कुमार भार्गव ने पत्रकार से अभद्र भाषा बोलते हुए कहां तुम्हारी पत्रकारिता तुम्हारे खोंस देंगे व जान से मारने की धमकी देते हुए छेड़छाड़, हरिजन एक्ट जैसे जघन्य अपराध के मुकद्दमे में फंसाने की धमकी दी। इस मामले में मतीन अहमद ने एक शिकायती प्रार्थना पत्र उपजिलाधिकारी बिसवां को दिया है। पीड़ित पत्रकार मतीन अहमद ने बताया कि उनके साथ अपशब्द शब्दों सहित जानमाल की धमकी प्रधान ने दी है । प्रधान द्वारा धमकी के कारण पत्रकार व पूरा परिवार दहशत में है।पत्रकार ने अपने जान माल की सुरक्षा के लिए उप जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है ।