प्रधान संपादक की रिपोर्ट
लखनऊ– लखीमपुर हिंसा अभियुयुक्त आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में हुई हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. यानी आशीष मिश्रा को अभी जेल में ही रहना होगा. माना जा रहा था कि कुछ उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दी जा सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए हाईकोर्ट ने सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा कि लखीमपुर मामले में 4 किसान मरे. आरोपी की गाड़ी वहां मौजूद थी, यह सबसे बड़ा तथ्य है. यह मामला जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है. आशीष मिश्र की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, पीड़ितों की तरफ से कमलजीत राखड़ा, राज्य सरकार की तरफ से AAG विनोद शाही मौजूद रहे।
इससे पहले इस मामले में 15 जुलाई को सुनवाई हुई थी जब अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. लेकिन मंगलवार को हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को रद्द कर दिया और उन्हें दोबारा जेल में भेज दिया. आशीष मिश्रा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा. आशीष मिश्रा के वकीलों ने उन्हें जमानत दिलाने की पूरी कोशिश की लेकिन अदालत ने उनकी दलीलें नहीं चल पाईं. इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि कुछ शर्तों के साथ उन्हें जमानत दी जा सकती है, ऐसे में कोर्ट का ये फैसला उनके लिए एक तगड़े झटके की तरह है।
हालांकि इस मामले पर अभी तक आशीष मिश्रा के वकीलों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. लेकिन माना जा रहा है कि वकील एक बार फिर से कोर्ट में रिव्यू एप्लीकेशन डाल सकते हैं. आपको बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया मेंं हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में आशीष मुख्य आरोपी है।