लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बात हुई. राजनीतिक पंडितों के अनुसार, आजम खान और उनका पूरा परिवार समाजवादी पार्टी की तरफ से दरकिनार किए जाने से नाराज हैं और चचा शिवपाल आजम खान को अपने पाले में कर अखिलेश को बड़ा सबक सीखाने की तैयारी में हैं.
कहा जाता है कि राजनीति में कौन कब किसका दोस्त और कब किसका दुश्मन हो जाए ये कहा नहीं जा सकता. दुश्मन का दुश्मन भी दोस्त कहलाता है. कहते हैं प्यार और जंग में हर चीज जायज है और ऐसा ही कुछ यूपी की सियासत में देखने को मिल रहा है.भतीजे अखिलेश यादव से बात नहीं बनने के बाद अब शिवपाल यादव शायद आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं और उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरु कर दी है. इसी कड़ी में उन्होंने आज यूपी के सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से मुलाकात की.दोनों के बीच ये मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली.
‘अखिलेश यादव ने अभी तक चाचा शिवपाल के साथ गठबंधन पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नही दी है जबकि शिवपाल यादव पूरा मन बनाए बैठे हैं,
दरअसल शिवपाल की नजर समाजवादी पार्टी के कोर वोटर माने जाने वाली मुस्लिम वोट बैंक पर है और आजम खान को अपनी पार्टी में शामिल कर शिवपाल यादव मुस्लिम चेहरे के साथ-साथ पश्चिमी यूपी में प्रगतिशिल पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं.चाचा शिवपाल कई बार समाजवादी पार्टी से गठबंधन की इच्छा जता चुके हैं. शिवपाल तो अपनी पार्टी का सपा में विलय करने तक को तैय़ार हैं.लेकिन, अखिलेश उन्हें भाव ही नहीं दे रहे हैं.
लगता हैं अब चाचा शिवपाल ने अखिलेश का खेल खराब करने की ठान ली है. वो ओवैसी और चंद्रशेखर से भी मुलाकात कर चुके हैं. शिवपाल नये समीकरण साधने में जुटे हैं और अगर वो इसमें सफल होते हैं तो भतीजे को थोड़ा-बहुत नुकसान तो पहुंचा ही सकते हैं. क्योंकि चाचा के पास अब खोने के लिए ऐसा कुछ बचा भी नहीं है.