अमरनाथ की रिपोर्ट
रुदौली/अयोध्या मांगी नाव न केवट आना, भय कुमार मरम मै जाना,,श्री आदर्श रामलीला जलीलपुर समिति के रंगमंच पर छठवें दिन की श्रीरामलीला में केवट संवाद का बहुत ही मार्मिक दृश्य रामलीला के कुशल कलाकारों द्वारा चित्रण किया गया, जिसकी दर्शकों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। अयोध्या से वन की ओर जाते समय रास्ते में सरयू नदी पड़ी। प्रभु श्रीराम ने मल्लाह केवट से नदी पार कराने को कहा, तो केवट ने पहले उनसे चरण धोने को कहा। उसने कहा कि प्रभु आपके चरण स्पर्श मात्र से जब पत्थर नारी में बदल गया, तो मेरी नाव तो लकड़ी की है। यह नारी में बदल गई, तो मैं अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करूंगा। केवट की बात सुनकर प्रभु ने उसे पैर धोने इजाजत दी। नदी पार करने के बाद जब प्रभु श्रीराम ने केवट को मल्लाही देनी चाही, तो केवट ने हाथ जोड़कर मना कर दिया। बोला, प्रभु आप भी मेरी तरह मल्लाह ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि मैं लोगों को नदी पार कराता हूं। आप लोगों को भवसागर पार कराते हैं। इस पर प्रभु श्रीराम केवट को आशीर्वाद देकर आगे बढ़ गए। साथ ही सभासद एशोसिएशन के जिला प्रभारी एडवोकेट आशीष कैलाश वैश्य जी ने समिति के सभी पदाधिकारियों को अंगवस्त्र व माल्यापर्ण कर सम्मानित किया।कार्यक्रम का सफल संचालन अध्यक्ष एडवोकेट मनीष कुमार वैश्य,संरक्षक राम सागर नेता,संचालक रमेश कुमार,रवि प्रजापति, मनीराम,मनीष राजपूत,अजय कुमार,तिलकराम,राम नेवल,बुलट दादा,भोला राजपूत,संजय यादव,पिन्टू प्रजापति, प्रवेश यादव,मनोज कुमार व ग्रामवासियों का अहम व सराहनीय योगदान रहा।