शान्तनु कुमार सिंह की रिपोर्ट
पटना-बराबर के पहाड़ियों के आसपास किट विविधता और मछली विज्ञान को समझने के लिए किट और मछली विज्ञानियों एव्म शोधकर्त्ताओं द्वारा दो दिवसीय “नेचर वाक” का आयोजन किया गया था जिसमें विधार्थी और शोधकर्ताओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया । यह बहुत ही सराहनीय पहल है लोगो को किट और मछली विज्ञान से जोड़ने के लिए।आज कीटनाशक के शिकार होकर लाभकारी किटें और मछलीयां लुप्त होते जा रहे हैं जिन्हें संरक्षण देना बहुत आवश्यक है । किट और मछली आहार जाल का प्रमुख अंग है । इनके विविधता व संख्या में कमी आने से परितंत्र में असंतुलन की स्थिति हो सकती है ! किट-पतंगों और मछलीयो के दुनिया के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है, इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से जन जागरूकता द्वारा कीटों और मछलीयो के संरक्षण को बल मिलेगा ।