अभिमन्यु शुक्ला की रिपोर्ट
औरैया रामलीला कमेटी द्वारा नुमाईश मैदान में दशहरा मेला समारोह का आयोजन किया गया। विगत 2 वर्षों से कोरोना के कारण दशहरे के मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा था। दशहरा मेला के आयोजन से नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रवासी काफी खुश नजर आए। दशहरा मेले में रावण व मेघनाथ के पुतले आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। इस बार रावण 45 फुट ऊंचा बनाया गया था। वहीं टेशू और झैंजी व अन्य खिलौनों की दुकानों पर काफी भीड़ नजर आई ।रावण का वध होते ही दर्शकों ने जय श्रीराम के नारे लगाये मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के तीर से रावण धू-धू कर जल उठा। लोगों ने आतिशबाजी का भी नजारा लिया। दशहरा मेला व पुतला दहन देखने के लिए आसपास के गांवों से हजारों की तादाद में लोग यहां पहुंचे।
अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई एवं असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा, इस बर्ष धूमधाम से मनाया गया। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण जैसे आतताई का वध किया था ! रामलीला कमेटी के सदस्य अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि विगत 2 सालों से कोरोना के कारण नुमाइश मैदान में लगने वाले मेले का आयोजन नहीं किया गया था। इस साल नगर वासियों की मांग व उत्साह को देखते हुए दशहरा मेला का आयोजन किया गया है। दशहरा मेला में रावण के पुतले की ऊंचाई 45 फुट थी। देर शाम मर्यादा पुरुषोत्तम राम एवं लंकापति रावण की सेना में युद्ध हुआ और अंत में रावण की सेना श्री राम की सेना से पराजित हो गई ।श्री रामचन्द्रजी के तीर से लंकापति रावण धू धू कर जल उठा इसके बाद दर्शकों ने जय श्रीराम के नारे लगाए।
दशहरे के अवसर पर जिले में लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाने के बाद पान अवश्य खिलाते हैं। इस दिन पान की खूब बिक्री होती है। पान विक्रेता ने बताया कि उनकी दुकान में तमाम प्रकार के पान उपलब्ध हैं। जिसमें मीठा पान, देशावरी पान,बंगला पान आदि किस्मे ज्यादा पसंद की जाती हैं। उन्होंने बताया कि भोजन के उपरांत पान खाने से पाचन क्रिया तेज होती है। पान के इस्तेमाल से मुंह की दुर्गंध आदि दूर होती है आयुर्वेद में पान के औषधीय गुणों का काफी विस्तार से वर्णन किया गया है। पान का इस्तेमाल पूजन आदि के समय में भी किया जाता है। कोतवाल संजय पांडे ने बताया कि आतिशबाजी चलाते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। तेज आवाज और तेज रोशनी वाले पटाखों का इस्तेमाल करने से बचें। सभी लोग मिल जुल कर हंसी खुशी के साथ दशहरा मनाएं।