उत्तर प्रदेश चुनाव आसान नहीं है ये बात सबको बाखूबी पता है, अगर पार्टी को मजबूत करना है तो छोटे से छोटे दल को भी स्वीकार करना होगा,ये छोटे दल अपने क्षेत्र मे काफी दबदबा और अच्छी पकड़ रखते हैं ।
राज्य के छोटे सियासी दलों ने भागीदारी मोर्चा बनाया था. जिसमें अब फूट पड़ चुकी है. क्योंकि मोर्चा के अहम भूमिका निभाने वाले दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने समाजवादी पार्टी को साथ देने का फैसला किया है. जिसकी घोषणा उन्होंने मऊ में एक बड़ी रैली में कर दी है . वही अब मोर्चा के सात दलों ने बीजेपी (BJP) के साथ चुनावी गठबंधन किया है.
असल में राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में जातीय आधार रखने वाले छोटे दलों को अपने साथ मिलाने के प्रयास में सभी पार्टियां लगी हुई हैं. वहीं बुधवार को राज्य की सत्ताधारी बीजेपी को भागीदारी मोर्चा के सात घटक दल भाजपा के साथ आ गए. इन सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा मुख्यालय पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को अपना-अपना समर्थन पत्र सौंपकर विधानसभा चुनाव में पूर्ण सहयोग का वादा किया.
राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन करने वालों राजनैतिक दलों में भारतीय मानव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केवट रामधनी बिन्द, मुसहर आंदोलन मंच (गरीब पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रमा वनवासी, शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल राजभर, मानवहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णगोपाल सिंह कश्यप, भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीम राजभर, पृथ्वीराज, जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन सिंह चौहान और भारतीय समता समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र प्रजापति रहे हैं.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने किया स्वागत
बीजेपी से गठबंधन करने वाले सात दलों के नेताओं का स्वागत करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि इस समय देश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश को मुख्यमंत्री योगी की जरूरत हैं, क्योंकि जो गरीब बचे हैं, उन सभी को 2024 तक पक्का मकान, शौचालय, आयुष्मान कार्ड, बिजली का कनेक्शन देना है. इसके लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी के शासन में कानून का राज है और जब कानून का राज होता है तो गरीबों का सम्मान होता है. राज्य में भ्रष्टाचार नहीं है और ना ही गुंडागर्दी है. जबकि राज्य में पूर्व की एसपी सरकार के दौरान गुंडागर्दी-भ्रष्टाचार थी.