कमलेश चौधरी की रिपोर्ट
संस्थापक रामसेवक चौरसिया आदर्श ग्रामीण मान्यता प्राप्त विद्या मंदिर इंटर कॉलेज निवा बरौली मैं स्थित है सूत्रों के अनुसार बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों के संस्थापक रामसेवक चौरसिया के द्वारा बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी लगभग 2 साल से विद्यालय में प्रवेश ना कर पाने की वजह से शिक्षण संस्थान बंद होने की कगार पर हैं ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे हाई स्कूल इंटर की परीक्षाएं ना होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों के द्वारा बच्चों की फीस विद्यालयों को नहीं मिल पाई है इसलिए शिक्षण संस्थान मैं कार्य कर रहे शिक्षकों को वेतन देने में असमर्थता जता रहे हैं इसलिए आदर्श ग्रामीण विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के शिक्षकों के द्वारा नौकरी छोड़ कर शिक्षण संस्थान से चले गए प्रधानाचार्य रामसेवक चौरसिया के कथन अनुसार मीडिया को बताते हुए कहा कि विद्यालय के शिक्षकों का वेतन लगभग ₹200000 देना बाकी है और उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को सरकार द्वारा कोई मदद नहीं मिल पाई है इसलिए मेरे विद्यालय मैं कर्मचारी एवं इलेक्ट्रिक सिटी विद्युत बिल भी देना बाकी है और ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावकों के द्वारा लगभग 1 साल बीत जाने के बाद भी बच्चों की फीस भी स्कूल प्रबंधन को नहीं मिल रही है
रामसेवक चौरसिया प्रधानाचार्य के कथन अनुसार बताया गया कि मेरा विद्यालय अत्यंत ग्रामीण क्षेत्र में पड़ता है और गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा देने कार्य करते हैं उसके बावजूद भी अभिभावकों के द्वारा स्कूल में एक बर्ष बिताने के बाद भी स्कूल प्रबंधन को भुगतान नहीं किया गया लेकिन स्कूल प्रबंधन की समस्याओं से जूझ रहा है रामसेवक चौरसिया प्रधानाचार्य के द्वारा चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि मेरे कालेज में टीचरों को लगभग₹200000 लाख रुपए भुगतान करना हैं मेरे द्वारा अभी तक टीचरों को भुगतान न करने की वजह से शिक्षकों ने हमारे विद्यालय नोकरी छोड़ जा चुके हैं और स्वयं रामसेवक चौरसिया प्रधानाचार्य अपने शारीरिक रूप से बीमारी से ग्रस्त हैं उन्होंने अपनी पीड़ा उत्तर प्रदेश सरकार माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गुहार लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में सभी माल एवं सिनेमाघरों व होटलों को अनुमति खोलने के निर्देश जारी किए गए तो प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को आदेश परित करने की अनुमति प्रदान करें ताकि प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को दाखिला देकर उनके भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सके और स्कूल प्रबंधन कमेटी की समस्याओं से निजात मिल सकें