बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
प्रयागराज। लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्त्ता दिन रात लोगों को राहत पंहुचाने के लिए जुटे है। जहां संघ हमेशा अपने काम – काज को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर रहता है। संघ पर हिन्दुत्व के ऐजेंडे पर काम करने के भी आरोप लगता रहता हैं। लेकिन कोरोना की महामारी के खिलाफ जंग में आरएसएस भी गरीब, बेसहारा और जरुरतमंदों की मदद के लिए आगे आया है। बगैर किसी जाति और धर्म के भेदभाव के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवी लगातार जरुरतमंदों की मदद कर रहे हैं।
आरएसएस के अनुषांगिक संगठन सेवा भारतीय की ओर से लॉकडाउन के दौरान गरीबों और जरुरतमंदों को राशन और तैयार भोजन के पैकेट मुहैया कराये जा रहे हैं। सेवा भारतीय की ओर से प्रयागराज और कौशाम्बी में लगभग सवा लाख लोगों को गमछे बांटने की भी योजना है। इसके साथ ही अब तक प्रयागराज में ही 38 हजार से ज्यादा परिवारों को राशन किट वितरित किया जा चुका है। इस राशन किट में पांच किलो चावल, तीन किलो आटा, एक किलो दाल, एक किलो गुड़, आधा किलो नमक, सब्जी मसाला, हल्दी और तेल शामिल है।
सेवा भारती के महानगर अध्यक्ष सुजीत कुमार के मुताबिक लगभग ढ़ाई लाख लोगों को तैयार फूड पैकेट भी अब तक वितरित किए जा चुके हैं। उनके मुताबिक राशन वितरण के लिए प्रमुख केन्द्र सिविल लाइन के ज्वाला देवी इंटर कालेज में बनाया गया है। गरीब और जरुरतमंदों को चिन्हित करने का काम स्वयंसेवी करते हैं उसके बाद उन तक स्वयंसेवी ही राशन पहुंचाते हैं। उनके मुताबिक गरीबों और जरुरतमंदों की मदद में किसी तरह का जाति और धर्म का कोई भेद नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन में मास्क पहनना अनिवार्य है, लेकिन गांवों में मास्क की उपलब्धता न होने के चलते संगठन ने सवा लाख गमछे जरुरतमंदों को वितरित करने का लक्ष्य रखा है। जिसकी पहली खेप भी अम्बेडकरनगर जिले के जलालपुर से मंगायी गई है।