बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
प्रयागराज। मुंबई से आने पर कृष्णा ने कुंडा में कमरा लेकर रहना शुरू किया। उनको इस तरह रहते देख लोगों को प्रेमी युगल की आशंका हुई। इस पर रविवार को पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया और थाने ले आई। पुलिस ने जानकारी ली तो मामला कुछ और निकला। इस पर कृष्णा के पिता को सूचना दी गई तो वह थाने आए। इसके बाद कृष्णा ने अपना फैसला सुनाया कि वह मोनी से ही शादी करेगा वह भी बिना दहेज के। पहले तो पिता जिद पर अड़े रहे, लेकिन बाद में मान गए। पिता राजू यादव व मोनी की मां श्याम देवी की मौजूदगी में कोतवाली के पीछे स्थित मंदिर में कृष्णा और मोनी की शादी रचा दी गई। राजू ने अपनी बहू को साड़ी, फल व मिठाई उपहार में देकर कहा कि उनको बड़ी सीख मिली है। वह दहेज की कुप्रथा का विरोध करेंगे।
दहेज न मिलने पर जहां कई बार तय शादियां भी टूट जाती हैं, वहीं एक युवक ने इस मिथक को तोड़ दिया। उसने मिसाल पेश करते हुए बिना दहेज लिए युवती को जीवन साथी बना लिया। आखिरकार पिता ने जिद व लालच छोड़कर अपनी बहू को आशीर्वाद दिया। स्वस्थ समाज का यह संदेश पूरे क्षेत्र में चर्चा में बना है।
प्रयागराज जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के तकिया निदूरा गांव के कृष्णा यादव की शादी करीब डेढ़ बरस पहले कुंडा के लरू गांव निवासी स्व. राजीव यादव की बेटी मोनी से तय हुई थी। बात आगे बढ़ी तो युवक के पिता ने दहेज के रूप में पांच लाख की मांग रखी। पिता का साया सिर से उठने से पहले से ही मायूस मोनी व उसके स्वजनों ने इतनी रकम दे पाने में असमर्थता जता दी। ऐसे मे शादी से इंकार कर कृष्णा के घरवाले लौट गए। इसके बाद मोनी व स्वजनों ने मुंबई में कृष्णा को पूरा मामला बताया। कई बार इस मसले पर बात हुई। बकौल कृष्णा उन्होंने पिता को समझाया कि दहेज की शर्त न रखें, पर वह नहीं माने।
युवक की जागरूकता से उसके पिता ही नहीं, पूरे समाज को एक सीख मिली। युवक-युवती ने शादी रचाकर जिदगी की नई जिम्मेदारी संभाली है।