बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
प्रयागराज। कोरोना संक्रमण के बीच जेल भेजे गए जमातियों समेत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को नैनी जेल से हटाने की तैयारी की जा रही है। अब जमातियों संग प्रोफ़ेसर का नया ठिकाना गौहनिया की अस्थाई जेल में होगा। बता दें की मंगलवार को 16 विदेशी जमाती समेत 30 आरोपितों को चोरी -छिपे रहने व जानकारी छिपाने के मामले में जेल भेजा गया है। नैनी जेल में इन सभी आरोपियों को जेल की महिला बैरक में अन्य कैदियों से अलग रखा गया है।
दरअसल विदेशी जमातियों में एक इंडोनेशियाई कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। जिसे 14 दिन की चिकित्सीय निगरानी में रखने के बाद जेल भेज दिया गया। जेल में कैदियों भोजन देने वाले पक्के कैदी जमातियों को खाना पहुंचा रहे हैं ऐसे में जेल के बंदियों को भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका सता रही है ।जिसे देखते हुए डीआईजी जेल बीआर वर्मा के निर्देश पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान से बातचीत के बाद इन सभी को अस्थाई जेल में रखने का फैसला किया है। एसपी यमुनापार देवेंद्र चौधरी समेत अधिकारियों ने कई स्कूलों का चयन किया।
इसके बाद सभी कैदियों को गौहनिया क्षेत्र में रखने की तैयारी शुरू की गई है। अस्थाई जेल के आस – पास के इलाके को बैरिकेड किया जायेगा। पुलिस के सख्त पहरे में सभी कैदियों को रखा जायेगा। गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद समेत 30 अन्य लोगों को जेल भेजा गया है। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जेल में बंद प्रोफेसर और विदेशी जमाती समेत सभी आरोपी पहले दिन रात भर अपनी अपनी बैरक में जागते रहे। वहीं कोरोना के खौफ के चलते उनके बैरक में जेल कर्मी जाने को तैयार नहीं है जेल में बंद इन जमाती यों को कैदियों ने दूर से ही खाना दिया। पुलिस कप्तान सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि जेल में बंदियों को कोरोना संक्रमण न हो इसके लिए विदेशी नागरिकों के लिए दूसरी जगह अस्थाई जेल बनाई जा रही है। वहीं पर सभी को शिफ्ट किया जाएगा जहां पर सारी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।