बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
प्रयागराज। आधी आबादी कहें या पूरी आबादी की जननी जो अपने हर दायित्व के साथ समाज को नई दिशा देती आई है। महिला दिवस पर आपको ऐसे ही ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के बारे में बता रहा है। जिनके जज्बे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सलाम कर चुके है। देश भर में सियासत की हॉट शीट मानी जाने वाली फूलपुर लोकसभा जहां की महिलाओं ने अपनी इच्छा शक्ति के जरिए देश भर में छोटे से गांव का नाम रौशन कर किया है। भले ही फूलपुर की लोकसभा की पहचान देश में पहले प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के तौर पर हो । लेकिन यहां की महिलाओं ने पीएम मोदी के जरिए पूरे देश में अपनी पहचान स्थापित की है।
नगें पांव चलने वाली महिलाओं ने चलाया स्लीपर उद्योग
फूलपुर के कादीपुर ग्राम सभा की महिलाओं ने आत्मनिर्भर होने के लिए और गरीबी के संघर्ष के मुक्ति पाने के लिए मिशन आजीविका के बारे में सुन कर काम करने के लिए ठान लिया। खुद नंगे पाँव चलने वाली महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के जरिए कादीपुर गांव में चप्पल बनाने का काम शुरू किया। कुछ महिलाओं के समूह के साथ शुरू हुआ स्वयं सहायता समूह का सफर आज इस मुकाम पर पहुंच गया है की वह खुद के पारिवार की ही नहीं समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है। महिलाओं ने जहां अपने परिवार को आर्थिक संकट से उबारा तो वहीं दूसरों को रोजगार भी दे कर कई परिवारों के जीवन में बदलाव ला दिया है ।
ऑफिसवीमेन की तरह पंहुचती है काम पर
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में खुद इन महिलाओं का जिक्र करते हुए इन्हें समाज के लिए इन्हें प्रेरणा स्रोत बताया था। ग्रामीण परिवेश में जहां लोगों के पास आज भी मूलभूत सुविधाओं की तमाम दिक्कते हैं। ऐसे में यह महिलाएं किसी मिशाल से कम नहीं हैं । जहां इन महिलाओं का जीवन मुश्किलों दौर से गुजर रहा था। मजदूरी या खेती से ही जीवन यापन हो रहा था । वही आज ये महिलायें ऑफिसवीमेन की तरह समय से घर से निकल कर अपने काम पर जाती है । आजीविका मिशन से जुड़कर ख़ुद ही नहीं बल्कि दूसरी महिलाओं को भी स्वालम्बी बना रही है। यहां पर काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि पहले वह मजदूरी करती थी । जिससे बमुश्किल परिवार को दो जून की नसीब हो पाती थी। महिलाओं ने बताया की आये दिन साहूकारों से उन्हे ब्याज पर रूपए लेने पड़ते थे। लेकिन वह जब से इस मिशन से जुड़ी हैं उसके बाद से उनकी जिंदगी में जो बदलाव आए हैं । इस समूह से जुड़ कर महिलाओं की आर्थिक स्थिति में तो सुधार आया ही है साथ ही वह दूसरों की मदद करने की हालत में भी है।