कानपुर
जब साइबर सेल ने मामलों की जांच शुरू की तो पता चला कि रामादेवी मोबाइल टॉवर से डेढ़ किलोमीटर रेडियस में कहीं न कहीं साइबर शातिर अपना अड्डा बनाए हैं और लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैैं. ऑनलाइन ठगी के सबसे ज्यादा मामले भी इसी एरिया में हो रहे हैं. रोजाना एक-दो मामले पुलिस के सामने आते हैं. पुलिस ने इन शातिरों तक पहुंचने की काफी कोशिश कि लेकिन ये इतने शातिर हैं कि गिरफ्त में नहीं आ रहे हैं.
रामादेवी से डेढ़ किमी में
जामताड़ा के बाद चकेरी थाने में 300 से ज्यादा साइबर शातिर रजिस्टर्ड हैैं. रामादेवी से डेढ़ किलोमीटर की रेडियस पर चकेरी इलाका ही लगता है. इस मामले में जांच कर रहे साइबर स्पेशलिस्ट्स की मानें तो कई वारदातें अलग अलग प्वाइंट्स से अंजाम दी जा रही हैैं. ज्यादातर मामलों में वे ही शिकार बनते हैैं, जिनके पास की-पैड वाला मोबाइल है क्योंकि इंटरनेट चलने के दौरान स्मार्ट फोन का मैकेनिज्म फेल करना बहुत मुश्किल होता है. स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वाले वे लोग ही इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे हैैं जो अपने मोबाइल का नेट ऑफ करके रखते हैैं.