प्रधान संपादक की रिपोर्ट
कानपुर– अगर सबकुछ ठीक रहा तो एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) नवंबर से कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे का काम शुरू कर देगा. इसके बन जाने से यात्री कानपुर से लखनऊ के बीच 62 किलोमीटर का सफर महज 45 मिनट में पूरा कर पाएंगे. एक्सप्रेस-वे के लिए एनएचएआइ ने 400 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण कर ली है. रक्षा मंत्री व सांसद राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्टों में शामिल लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस का निर्माण 2023 तक पूरा करने का टार्गेट रखा गया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद लखनऊ जाने वाले लोगों को सहूलियत मिलेगी. वर्तमान में हमीरपुर-सागर हाइवे से लखनऊ की और जाने वाले वाहनों को नौबस्ता में जाम में फसना पड़ता है. इसके बाद चकेरी-भौंती एलिवेटेड रोड की रैंप पर चढ़कर लखनऊ की और जाना पड़ता है. इस रास्ते से लखनऊ तक पहुंचने में दो धंटे लग जाते हैं।
एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए एनएचएआई ने 20 अक्टूबर तक टेंडर आमंत्रित किए हैं. 4500 करोड़ की लागत से बन रहे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की डिजाइन आठ लेन के हिसाब से तैयार की जा रही है. एक्सप्रेस-वे की सड़क छह लेन की होगी, लेकिन फ्लाईओवर के स्ट्रक्चर आठ लेन के होंगे. शहीद पथ लखनऊ से बनी तक सेंट्रल डिवाइडर पर सिंगल पिलर पर छह लेन एलीवेटेड रोड बनेगा, इसके बाद बनी से उन्नाव होते हुए आजाद चौराहा तक रोड 6 लेन होगी। एक्सप्रेस-वे को गंगा बैराज मार्ग,उन्नाव-लालगंज हाइवे और कानपुर में बनने वाले आउटर रिंग रोड से भी जोड़ा जाएगा।
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आगामी सौ सालों में बढ़ने वाले ट्रैफिक के दबाव को ध्यान में रखकर एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है. शहीद पथ से शुरू होकर बनी, कांठा व अमरसास को जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे कानपुर के निकट एनएच-27 के जंक्शन को कनेक्ट करेगा। 63 किमी एलीवेटेड रूट पर प्रमुख रूप से दो पुल बनाए जाएंगे और छोटे पुल करीब 26 होंगे। पैदल चलने के लिए 22 अंडर पास बनाए जाएंगे। वहीं उन्नाव में टोल प्लाजा बनाया जाएगा।
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सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे पर एनएचएआइ पूरी तैयारी से लगा है।उम्मीद है कि 23 अक्टूबर 2021 को औपचारिकताएं पूरी होते ही नवंबर 2021 से जमीन पर काम शुरू हो जाएगा। अमजन को जनवरी 2021 से काम दिखने लगेगा। प्रयास है कि दो साल से भी कम समय में इसे तैयार किया जा सके,लखनऊ से कानपुर का सफर सिर्फ 45 मिनट में आने वाले समय में पूरा होगा।