मऊ : आरोपी मुख्तार अंसारी की पेशी शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बांदा जेल से हुई । इस दौरान मुख्तार अंसारी ने न्यायिक/रिमांड मजिस्ट्रेट उत्कर्ष सिंह को बताया कि उन्हें मच्छरदानी और कूलर नौ अप्रैल को मिल चुका है लेकिन परिजनों से बात नहीं कराई जा रही है न ही अधिवक्ता से बात कराई जा रही है।
कहा कि आदेश के बाद भी जो सुविधाएं उन्हें जेल मे मिलनी चाहिए नहीं दी जा रहीं हैं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर उनके स्वास्थ्य की जांच मेडिकल बोर्ड से जांच हुई है। मेडिकल बोर्ड की जांच मे भी डाक्टर ने जो सलाह दी है, उसका भी पालन जेल अधीक्षक द्बारा नहीं किया जा रहा है।
बांदा जेल से मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट भेजी गई है। उसका अवलोकन कर जो डाक्टर ने सलाह दिया है ,उसका अनुपालन करने का आदेश जेल अधीक्षक बांदा को दिया जाए। न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्कर्ष सिंह ने अभियोजन अधिकारी और मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह के तर्कों को सुनने के बाद मुख्तार का न्यायिक अभिरक्षा का रिमांड स्वीकृत करते हुए सुनवाई के लिए 26 मई की तिथि तय की।
अभियोजन के अनुसार तत्कालीन थानाध्यक्ष दक्षिण टोला निहार नंदन कुमार की तहरीर पर 5 जनवरी 2020 को आयुध अधिनियम और जालसाजी के मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसमें मुख्तार अंसारी सहित सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि मुख्तार अंसारी ने जिन लोगों के असलहा लाइसेंस के लिए जिलाधिकारी को अपने लेटर पैड पर पत्र लिखकर असलहा लाइसेंस जारी करने की सिफारिश किया था।
जिसपर जिलाधिकारी ने उन लोगों का लाइसेंस जारी किया था। बाद में जांच के बाद जिन लोगों के नाम असलहा लाइसेंस जारी किया गया था उनका नाम पता फर्जी पाया गया। इस खुलासे के बाद मुख्तार अंसारी सहित सात लोगों के विरुद्ध दक्षिणटोला थाना में रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस ने विवेचना के बाद मुख्तार सहित सभी के विरुद्ध आरोप पत्र सीजेएम कोर्ट मे पेश किया। इस मामले में शुक्रवार को बादा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई।
मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को रिमांड पर लेने की कवायद में आजमगढ़ पुलिस काफी दिनों से जुटी है। गैंगेस्टर कोर्ट में 22 अप्रैल को मुख्तार वीसी के माध्यम से पेश हुआ था। इसके बाद ही न्यायालय ने पुलिस को उससे पूछताछ की अनुमति दे दी थी। इसी के तहत जनपद पुलिस की टीम आईओ प्रशांत श्रीवास्तव के नेतृत्व में बांदा जेल गई है। ताकि 24 मई को पड़ी तारीख पर उसे रिमांड पर लिया जा सके।
वर्ष 2014 में तरवा क्षेत्र में एक सड़क निर्माण के ठेके को लेकर मुख्तार समर्थकों ने ठेकेदार के लोगों पर ऐराखुर्द गांव में हमला किया था। जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी और एक घायल हो गया था। इस मामले में दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी को साजिश रचने का आरोपी बनाया गया था।
इस मामले में लगभग डेढ़ साल पूर्व तरवां थाने में मुख्तार समेत नौ के खिलाफ गैंगेस्टर के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। मात्र एक को छोड़ कर सभी आरोपी जेल जा चुके है। मुख्तार को रिमांड पर लेने के लिए जनपद पुलिस काफी समय से हाथ पांव मार रही है लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल सकी है।