लवलेश कुमार की रिपोर्ट
लखनऊ। इटौंजा के बेलवा गांव में शनिवार तड़के प्रेम प्रसंग के विवाद में आशीष वर्मा (22) की बेरहमी से हत्या कर दी गई। वह देर रात प्रेमिका से मिलने गया था। दोनों को एक साथ देखकर युवती के पिता व भाई ने आशीष को क्रिकेट बैट व लोहे की फुंकनी से पीट-पीटकर मार डाला। इस मामले में मृतक के भाई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से घटना का खुलासा करके आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया।
सीओ बीकेटी हृदेश कठेरिया ने बताया कि बेलवा गांव के मजरे चौगवां निवासी राजकिशोर वर्मा सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं। उनका छोटा बेटा आशीष पढ़ाई के साथ प्राइवेट काम करता था। परिवारीजनों के मुताबिक शुक्रवार रात एक बजे तक आशीष घर के बाहर वाले कमरे में था। इस बीच किसी का फोन आ जाने पर वह घर से निकल गया। सुबह करीब 4 बजे वह लहूलुहान हालत में घर के बाहर पड़ा मिला। चीखने और कराहने की आवाज सुनकर भाई अतुल उर्फ आशू बाहर निकला तो आशीष मरणासन्न हालत में पड़ा था। उसके पैरों, पीठ, सिर व चेहरे पर चोट के निशान थे और मुंह से खून निकल रहा था। घरवाले फौरन उसे इटौंजा सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मोबाइल में नहीं था सिम
घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस को घर के बाहर से आशीष का मोबाइल फोन मिला। सीओ ने बताया कि मोबाइल टूटा हुआ था और सिम कार्ड गायब था। पूछताछ करने पर परिवारीजनों ने किसी से रंजिश होने की बात से इनकार कर दिया। इसके बाद भाई अतुल की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की गई। आशीष के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगाली गई तो उसमें आखिरी कॉल गांव में ही रहने वाली एक युवती की निकली। जांच में सामने आया कि आशीष का उस युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था।
बंधक बनाकर पीटा एक घंटे तक पीटा
इंस्पेक्टर नंद किशोर ने बताया कि युवती का फोन आने पर ही आशीष उससे मिलने गया था। इस दौरान युवती के पिता खुशीराम और भाई संजीत ने दोनों को साथ में देख लिया। इससे बौखलाए पिता-पुत्र ने आशीष को एक घंटे तक बंधक बनाकर क्रिकेट बैट और चूल्हे की फुंकनी से बुरी तरह मारापीटा। इसके बाद वह लोग आशीष को मरणासन्न हालत में उसके घर के बाहर फेंक कर फरार हो गए थे। सारी कड़ियां जुड़ने के बाद पुलिस ने खुशीराम और संजीत को गिरफ्तार करके घटना का पर्दाफाश कर दिया।
सबूत मिटाने का प्रयास किया था
सीओ हृदेश कठेरिया ने बताया कि खुशीराम और उसके बेटे संजीत ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल किया है। आरोपियों ने बताया कि उन लोगों ने आशीष का मोबाइल तोड़ने के साथ ही सिम कार्ड निकाल लिया था। ताकि, उसके कॉल रिकॉर्ड में युवती का मोबाइल नंबर व मैसेज नहीं दिखे। हालांकि, सर्विलांस की मदद से पुलिस ने सच का पता लगा लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से टूटा हुआ क्रिकेट बैट व चूल्हे की फुंकनी बरामद कर ली है।