शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। अवैध खनन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रजापति, उनके ड्राइवर और बेटों के कई आवासीय और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान जांच एजेंसी को 80 संपत्तियों के दस्तावेज और लखनऊ स्थित ऑफिस से 11 लाख रुपए के पुराने नोट बरामद हुए।
4 अगस्त, 2019 को धनशोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत दर्ज मामले में ईडी ने बुधवार को पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की। ईडी की टीमों ने अमेठी में उनके आवास पर छापेमारी की, जबकि एक अन्य टीम ने अमेठी जिले के टिकारी इलाके में उनके ड्राइवर राजा राम के ठिकानों पर छापा मारा। प्रजापति के बेटे अनिल और अनुराग के लखनऊ के विभूति खंड कार्यालय में एक और छापा मारा गया।
ईडी के सूत्रों ने आरोप लगाया कि प्रजापति के बेटों की कंपनियों के माध्यम से अवैध खनन से धन निकाला गया। राज्य सतर्कता ने भी प्रजापति के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक एफआईआर भी दर्ज की है, जिसमें उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक होने का दावा किया गया है। सीबीआई ने भी पिछले साल खनन घोटाले में पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया था। प्रजापति इस समय 2017 के गैंगरेप मामले में लखनऊ जेल में बंद हैं, जबकि उनका बेटा अनिल धोखाधड़ी के एक मामले में जेल में है।