कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। मोहनलाल गंज रोड पर स्थित गति कोरियर कंपनी की खबर हमारे चैनल पर दिनांक 17/04/2020 को चलाई गई थी। जिसमें उनके गोदाम में सरकार द्वारा जारी लाक डाउन नियमों की शत प्रतिशत अवहेलना किए जाने की बात कही गई थी। बताया गया था कि गोदाम में मजदूरों के बीच न तो सोशल डिस्टेंसिंग की कोई मानना थी और ना ही कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए कोई परहेज।
इतना ही नहीं, हमारे संवाददाता ने देखा कि गोदाम में किसी भी प्रकार का कोई संक्रमण सुरक्षा की कोई जानकारी भी कार्य करने वाले लोगों को नहीं थी। किसी ने भी न तो मास्क पहन रखा था और न ही किसी प्रकार के सेनेटाइजर का इंतजाम भी था।
मजदूरों से ज्ञात हुआ कि पिछले तीन महीनों से उनका वेतन भी नहीं दिया गया था। हमारे समाचार जारी होने के बाद आनन-फानन में मजदूरों को कुछ भुगतान किया गया।
मीडिया की टीम पहुंची और कार्यरत मजदूरों से मीडिया के लोगों ने पूछा तो लेबरों ने बताया कि हमारे तीन माह से वेतन नहीं मिला है इसके अलावा कोई काम करने से मना करने पर पुलिस का
डर दिखाकर धमकी देने का कार्य करते हैं इसलिए पीड़ित मजदूरों में धमेंद्र विनोद अजीत शिवमुनि एवं रामनिवास जैसे कई मजदूरों की समस्याओं को देखते हुए मीडिया के द्वारा खबर हमारे चैनल पर चलाई गई थी जिसके उपरांत गति कोरियर कंपनी के अंदर लाकडाउन और कोरोनावायरस जैसी महामारी जैसी गंभीर समस्या होने के बावजूद कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी।
समाचार के संबंध में गति कोरियर कंपनी के एस परिहार ने हमारे संवाददाता कमलेश कुमार चौधरी को फोन पर बताया गया कि आपसे थाने में सवाल जवाब किए जाएंगे। धमकी और धौंस जमाते हुए जिस तरह मजदूरों से काम कराया जा रहा है उसी तरह कुछ स्थानीय पत्रकारों को भी थाने पुलिस का खौफ जताया गया।
अगर सरकारी मापदंडों के उल्लंघन करने वालों और गरीब मजदूरों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों को इस प्रयास से चुप कराने की कोशिश करना अपराध की श्रेणी में आता है तो उक्त गति कोरियर के स्थानीय प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।