सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
योगी सरकार ने अपने पिछले चार साल में उत्तर प्रदेश के लोगों को नौकरी देने के विभागावार आंकड़े जारी किए हैं. जबकि अखिलेश यादव और कांग्रेस ने इन आंकड़ों को एक सिरे से खारिज कर दिया है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 4 साल का कार्यकाल 19 मार्च को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में जहां एक तरफ अलग-अलग मोर्चों पर सरकार अपनी पीठ थपथपाती दिखायी दे रही है।तो वहीं विपक्ष सरकार के कामकाज के आकलन के जरिए 2022 के चुनाव की गोटियां सेट करने में जुटा है।वैसे तो विपक्ष सरकार को लगभग हर मोर्चे पर विफल बता रहा है, लेकिन रोजगार के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अलिलेश यादव के अलावा कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी भी करती नजर आ चुकी हैं।
ऐसे में बड़ा सवाल ये अपने लोक संकल्प पत्र के वादे में बीजेपी की तरफ से जितने रोजगार का सपना दिखाया था वो सरकार के 4 साल पूरे होने पर कितना परवान चढ़ पाया है।जवाब के तौर पर सरकार ने भी आंकड़ों का खर्रा तैयार कर लिया है जिसके तहत विभागावार रोजगार के आंकड़े गिनाए जा रहे हैं। आप भी देख लीजिए-
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड-19917
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण-8556
माध्यमिक शिक्षा विभाग–14436
यूपीपीसीएल–6446
पुलिस विभाग -137253
बेसिक शिक्षा–121000
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-28622
यूपी लोक सेवा आयोग–27168
उच्च शिक्षा–4988
चिकित्सा शिक्षा विभाग– 1112
सहकारिता विभाग–726
नगर विकास–700
सिंचाई एवं जल संसाधन-3309
वित्त विभाग–614
तकनीकी शिक्षा–365
कृषि-2059
आयुष-1065
कुल – 390194
इसके अलावा योगी सरकार ने विभिन्न विभागों में 86000 पदों पर पर भर्ती की प्रक्रिया जारी होने की बात कही है. इसके बावजूद विपक्ष योगी सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है।
सरकार ने सेट किया 2022 का एजेंडा
आंकड़े जारी करने के साथ ही सरकार ने मिशन रोजगार के तहत 2022 के चुनाव का एजेंडा भी सेट कर लिया है।यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा का कहना है कि पिछली सरकारों में सारी भर्तियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती थीं। लेकिन अब योगी सरकार में हर भर्ती की प्रक्रिया पारदर्शी है और हर नौजवान को उसकी दक्षता के अनुरूप रोजगार भी दिया जा रहा है। वहीं विपक्ष सरकार के इन आंकड़ों को एक सिरे से खारिज कर रहा है। विपक्ष का ये कहना है कि सरकार ने रोजगार के नाम पर नौजवानो को सिर्फ छला है. उनके सपनों को कुचला है। विपक्ष के आरोप प्रत्यारोप के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति गरम इसलिए भी है क्योंकि एक तरफ सरकार 4 साल का कार्यकाल पूरे होने का जश्न मना रही है।तो वहीं फिक्र 2022 के चुनाव की भी है जिसमें सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि जनता भी अलग अलग मुद्दों पर सरकार से काम काज का हिसाब लेगी।