अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट
लखनऊ। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 24वें ‘हुनर हाट’ का आयोजन लखनऊ में 22 जनवरी से चार फरवरी के बीच किया जाएगा जिसका आकर्षण ‘वोकल फॉर लोकल’ होगा। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस आयोजन में देश के 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों के साथ हुनर के लगभग 500 उस्ताद शामिल हो रहे हैं।
इस हुनर हाट का औपचारिक उद्घाटन 23 जनवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा। लखनऊ के हुनर हाट में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाण, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओड़िशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित 31 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से हुनर के लगभग 500 उस्ताद शामिल हो रहे हैं। आने वाले दिनों में हुनर हाट का आयोजन मैसूर, जयपुर, चंडीगढ़, इंदौर, मुंबई, हैदराबाद, नई दिल्ली, रांची, कोटा, सूरत/अहमदाबाद, कोच्चि, पुडुचेरी और अन्य स्थानों पर होगा।
लखनऊ के हुनर हाट में देश के दस्तकार/शिल्पकार, अजरख, ऍप्लिक, आर्ट मेटल वेयर, बाघ प्रिंट, बाटि, बनारसी साड़ी, बंधेज, बस्तर की जड़ी बूटियां, ब्लैक पॉटरी, ब्लॉक प्रिंट, बेंतबांस के उत्पाद, चिकनकारी, कॉपर बेल, ड्राई फ्लावर्स, खादी के उत्पाद, कोटा सिल्क, लाख की चूड़ियां, लेदर, पश्मीना शाल, रामपुरी वायलिन, लकड़ी-आयरन के खिलौने, कांथा एम्ब्रोइडरी, ब्रास पीतल के प्रोडक्ट, क्रिस्टल ग्लास आइटम, चन्दन की कलाकृतियां आदि के स्वदेशी हस्तनिर्मित शानदार उत्पाद प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए ले कर आए हैं।
हुनर हाट में आने वाले लोग जहां देश के पारंम्परिक लजीज़ पकवानों का लुत्फ़ भी उठाएंगे, वहीं देश के जाने माने कलाकारों द्वारा हर दिन प्रस्तुत किये जाने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होंगे। हुनर हाट में प्रतिदिन शाम को जाने माने कलाकारों द्वारा आत्मनिर्भर भारत थीम पर गीत संगीत के कार्यक्रम होंगे। इन कार्यक्रमों में प्रसिद्ध कलाकार कैलाश खेर, विनोद राठौर, शिबानी कश्यप, भूपेंद्र भुप्पी, मिर्जा सिस्टर्स, प्रेम भाटिया, रेखा राज, हमसर हयात ग्रुप, मुकेश पांचोली आदि अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
देश के विभिन्न स्थानों में आयोजित हो रहे हुनर हाट, दस्तकारों, शिल्पकारों के लिए बहुत उत्साहवर्धक और लाभदायक साबित हो रहे हैं। एक ओर जहां हुनर हाट में लाखों लोग आते हैं वहीं दूसरी ओर लोग करोड़ों रुपए की दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों की जमकर खरीददारी भी करते हैं। पिछले लगभग पांच वषोर्ं में हुनर हाट के माध्यम से पांच लाख से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। इससे देश के कोने-कोने की शानदार जानदार पारम्परिक दस्तकारी, शिल्पकारी की विरासत को और मजबूती और पहचान मिली है।