सरवन और केके की रिपोर्ट
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाला अनपढ़ सुभाष बाथम किसी वैज्ञानिक से कम नहीं था। उसने अपने घर के तहखाने में जिस तरह से बम फिट कर रखे थे, उससे वह मनचाहे प्वाइंट से विस्फोट कर सकता था। सुभाष बाथम ने जिस तरह से अपने तहखाने में बम फिट किए थे, उससे बड़ी तबाही मचाई जा सकती थी। वह बच्चों को सीढ़ी लगा कर तहखाने में उतार ले गया था। पुलिस कप्तान अनिल मिश्रा और जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह शनिवार को उसके मकान के तहखाने में पत्रकारों को ले गए और वहां फिट किए गए बम और विस्फोट प्वाइंट दिखाया। उन्होंने बताया कि किसी तरह से बड़ी घटना टल गई है लेकिन उसकी योजना विस्फोट करके बच्चों को मारने की थी। उन्होंने पत्रकारों को सुभाष बाथम द्वारा तहखाने में तैयार किए गए बम और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक तार के माध्यम से बैटरी से जोड़कर दिखाया। एसपी और डीएम ने पत्रकारों को बताया कि घटना के चार दिन पहले सुभाष ने इसी तहखाने में शौचालय बनवाया था जिसका मकसद था कि वह बच्चों को काफी दिन तक इस तहखाने में बंद रखे। पुलिस के पहुंचने के बाद उसका मंसूबा बदल गया। उसने कई प्वाइंट से बम विस्फोट किए जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हुए। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि सुभाष पर पुलिस का दोतरफा वार हुआ जिससे वह अपना आपा खो बैठा। उसे एक पल लगा कि यदि वह बच्चों को नहीं मारेगा तो उसे जिंदा छोड़ दिया जाएगा। इसी दौरान पुलिस ने उसे मार गिराया।
बताया कि उसने जिस तरह से अपने तहखाने में बम लगाकर विस्फोट करने की व्यवस्था की थी, उससे पूरा मकान धराशाई हो जाता और एक भी बच्चा बचने वाला नहीं था। पुलिस कप्तान अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि उसने इस तरह से वायरिंग फिट करके प्वाइंट दिए थे कि वह ऊपर बैठकर भी विस्फोट कर सकता था। वह जब 8 माह की बच्ची को फेंकने गया तो तहखाने में बंद बच्चों ने अंदर से कुंडी लगा ली और विस्फोट करने वाले तार हटा दिए जिससे सुभाष विस्फोट नहीं कर सका। नतीजतन बच्चे बाल-बाल बच गए। एसपी ने कहा कि सुभाष को इस तरह से बम फिट करने की जानकारी देने वाले की भी तलाश की जा रही है।
थाना मोहम्मदाबाद क्षेत्र के गांव करथिया में सुभाष बाथम ने गुरुवार को 23 बच्चों को अपनी बेटी के जन्मदिन का बहाना बनाकर बुलाया और अपने घर के अंदर के तहखाने में बंधक बना लिया। पुलिस ने करीब 12 घंटे तक ‘ऑपरेशन मासूम’ चलाकर बच्चों को सुरक्षित निकाला और इसी दौरान सुभाष बाथम पुलिस की गोली से मारा गया। उसकी पत्नी को गांव वालों ने पीट-पीट कर मार डाला।