सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे को एलडीए की विहित प्राधिकारी रितु सुहास की अदालत में उपस्थित हुई। उन्होंने अदालत से मकान न गिराने की गुहार लगाई।
रिचा दुबे ने अदालत से कहा कि उनके पास एक मकान के अलावा कुछ नहीं बचा है। बैंक खाते व अन्य सभी चीजें पुलिस सीज कर चुकी है। मकान के दस्तावेज से लेकर सभी चीजें पुलिस के पास हैं। अगर इसे गिराया गया तो उनके पास सुसाइड के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। लिहाजा उन पर रहम किया जाए। उन्हें कुछ समय की मोहलत दी जाए। विहित प्राधिकारी ने उन्हें नई शमन योजना के तहत मकान का कंपाउंडिंग मैप दाखिल करने की मोहलत दे दी है।
आपको बता दें कि लखनऊ के इंद्रलोक कॉलोनी स्थित विकासा के घर पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने नोटिस चस्पा की गई थी। नोटिस में एलडीए द्वारा स्वीकृत मकान के नक्शे को 9 जुलाई तक जमा कराने का नोटिस दिया गया है।
इसके पहले रजिस्ट्री की तलाश में लखनऊ पुलिस ने विकास दुबे के घर में तलाशी ली थी पर कुछ हाथ नहीं लगा था। वहीं, जांच के लिए पहुंची एलडीए की टीम को मकान पर ताला लगा मिला। इस कारण प्रवर्तन टीम कमरों और बेसमेंट की नापजोख नहीं कर पाई और बाहर से ही नाप ले सकी। कृष्णानगर इंस्पेक्टर डीके उपाध्याय के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने विकास के मकान से मिली तमाम फाइलें व कागजात जब्त कर लिए। अधिकारियों ने बताया कि कागजात में राजनीतिक पार्टियों के कई लेटरपैड और सैकड़ों प्रार्थनापत्र हैं। एक डायरी और जमीनों से संबंधित फाइलें भी मिली हैं।
पुलिस का कहना है कि एसटीएफ ने वर्ष 2017 में विकास के पास से जो 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल बरामद की थी, उसका भी पता नहीं चल पा रहा है। यह राइफल विकास के भाई दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक के नाम से खरीदी गई थी।